उन्होंने कहा कि अब तक यह स्पष्ट नहीं है कि यह क्यों हो रहा है। इसके पीछे जलवायु सबंधी कोई कारण है या फिर अन्य कोई कारण। इसे जानने के लिए विस्तृत अध्ययन और आंकडों के विश्लेषण की जरूरत है। यह मानसून हर साल मई के अंत या जून की शुरुआत में केरल के तट के जरिये भारत में पहुचने की दस्तक देता है।