विश्व हिन्दू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने हिन्दू समाज में समरसता लाने के उद्देश्य से विहिप कार्यकर्ता विशेष रूप से काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोगों में भेदभाव दूर करने के लिए हमारे संगठन का मंत्र है- 1 गांव, 1 कुआं, 1 मंदिर और 1 श्मशान। हालांकि हिन्दू समाज को एक वर्ग द्वारा भ्रमित करने की कोशिश भी की जा रही है, हमारा संगठन उनमें जागरूकता लाने के लिए उनके बीच सतत काम कर रहा है।
वेबदुनिया से बातचीत करते हुए दलित, महादलित, पिछड़े, अति-पिछड़े से जुड़े एक सवाल पर बंसल ने कहा कि हिन्दू समाज के खिलाफ प्रोपेगंडा पोलिटिक्स चल रही है। हालांकि इस तरह के राजनेताओं के मुंह पर धीरे-धीरे ताला भी लग रहा है। उन्होंने कहा कि हिन्दू समाज के लोगों का दरगाहों से कोई रिश्ता नहीं होना चाहिए। मंदिर में वीआईपी व्यवहार को लेकर भी बंसल ने असंतोष जाहिर किया। उन्होंने कहा कि किसी के साथ भी आर्थिक आधार पर भेदभाव नहीं होना चाहिए।
लव जिहाद : लव जिहाद से जुड़े सवाल पर बंसल ने वेबदुनिया से कहा कि हमने कुछ समय पहले 400 से ज्यादा ऐसी लड़कियों की सूची जारी की थी, जिन्हें टुकड़े-टुकड़े कर के मारा गया या फिर मरने के लिए मजबूर किया गया। कई लड़कियों को तो परिवार सहित खत्म कर दिया गया। हम हिन्दू समाज को ऐसे मरते हुए नहीं देख सकते। हमने केन्द्र और राज्य सरकारों से मांग की है लव जिहाद के खिलाफ सख्त से सख्त कानून बनाए जाने चाहिए।
बंसल ने कहा कि विहिप ने अब तक 25000 से अधिक बेटियों को लव जिहाद के चंगुल से छुड़ाया है, जबकि करीब 32 लोगों को धर्मांतरण से बचाया है। 9 लाख से अधिक लोगों की घर वापसी (पुन: हिन्दू बनाना) करवाई है। विहिप, बजरंग दल और दुर्गा वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने 20 लाख से ज्यादा गोवंश को हत्या से बचाया है।
सिखों का धर्मांतरण : पंजाब में मजहबी सिखों (रविदासिया सिख) के धर्मांतरण से जुड़े सवाल पर विहिप नेता ने कहा कि हमने स्वर्ण गुरुद्वारा कमेटी और अकाल तख्त से इस बारे में चर्चा की है। उन्होंने भी इस बात पर गंभीर चिंता जताई है। गुरुओं की धरती पर इस तरह की घटनाएं निश्चित ही गंभीर चिंता का विषय हैं। इसी सिलसिले में हमने दिल्ली से लेकर पंजाब तक चंगाई सभाओं को रोका है।
मनुस्मृति पर विवाद : मनुस्मृति से जुड़े विवाद पर बंसल ने कहा कि इस ग्रंथ को न तो किसी ने पढ़ा है और न ही किसी ने समझा है। कुछ लोग इसको लेकर दलित समुदाय को भ्रमित कर रहे हैं। हिन्दू समाज को तोड़ने और आस्था के केन्द्रों पर आघात करने की लगातार कोशिश की जा रही है। मनुस्मृति तो संविधान का ग्रंथ है। भारतीय संविधान में भी इसका उल्लेख है।
धर्मांतरित लोगों को आरक्षण : धर्मांतरित लोगों को आरक्षण दिए जाने के मुद्दे पर बंसल ने कहा कि इस तरह के लोगों को आरक्षण नहीं मिलना चाहिए। क्योंकि दूसरे धर्मों में अगड़े-पिछड़े की व्यवस्था ही नहीं। स्वयं संविधान निर्माता बाबा साहब अंबेडकर ने भी कहा था कि ऐसे हिन्दू धर्म छोड़कर दूसरे धर्म में जाने वाले लोगों को आरक्षण नहीं मिलना चाहिए।
उन्होंने कहा कि विश्व हिन्दू परिषद ने भी 1966 में एक प्रस्ताव पारित किया था कि प्रत्येक हिन्दू सहोदर यानी एक ही मां की संतान हैं, कोई भी ऊंचा या नीचा नहीं है। हम सबको अपना मानेंगे जो दूसरे धर्म में चले गए हैं, उन्हें वापस लाएंगे।
गोहत्या : गोहत्या एवं आधुनिक यंत्रों के उपयोग के चलते बैलों की खत्म होती उपयोगिता से जुड़े प्रश्न पर विहिप नेता ने कहा कि गोवंश की उपयोगिता कभी भी खत्म नहीं होगी। देश एक बार फिर जैविक कृषि की ओर लौट रहा है। यदि कोई परिवार एक गाय पालता है तो उसे 10 हजार रुपए तक की इनकम हो सकती है। इससे गोवंश की उपयोगिता और बढ़ेगी। इस संबंध में उन्होंने स्वामी दयानंद सरस्वती की पुस्तक 'गो करुणानिधि' का उदाहरण भी दिया, जिसमें गोरक्षा और कृषि को प्रोत्साहन देने संबंधी कुछ प्रस्तावों का उल्लेख है।
उन्होंने कहा कि हमने झारखंड के जनजाति इलाकों में गऊ ग्राम विकास केन्द्र बनाए हैं। गायें पालकर प्रत्येक घर में बांटी गईं। वे हमें गोबर देते हैं और हम उसे परिष्कृत कर पाउडर बनाकर उन्हें लौटाते हैं, जिससे वे दिए और उपले बनाते हैं। हम उसे बाजार में बेचते हैं और उसकी आय संबंधित परिवारों को मिलती है। गाय को लेकर अब जागृति आ रही है। लोग अब इसके लिए आगे आ रहे हैं।