Many challenges before Delhi's new Chief Minister Atishi : मुख्यमंत्री आतिशी के नेतृत्व में शनिवार को शपथ लेने वाले दिल्ली के नए मंत्रिमंडल के पास लंबित परियोजनाओं, योजनाओं और अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले शुरू की जाने वाली नई पहल की एक लंबी सूची है।
आतिशी को दिल्ली सरकार के कामकाज में तेजी लाने के लिए जमीनी स्तर पर काम करना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि प्रमुख परियोजनाएं तथा योजनाएं फिर से पटरी पर आ जाएं, जो उनके पूर्ववर्ती अरविंद केजरीवाल के कारावास के कारण महीनों तक धीमी रही थीं।
आबकारी नीति मामले में केजरीवाल की पांच महीने की न्यायिक हिरासत के कारण आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार धन की कमी की वजह से सड़क, जलापूर्ति, सीवर और दवाओं सहित मूलभूत सेवाओं और बुनियादी ढांचे से संबंधित मुद्दों को हल करने के लिए संघर्ष कर रही है, जैसा कि पार्टी नेताओं ने दावा किया है।
आतिशी को अगले साल फरवरी में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री पद पर अपने संक्षिप्त कार्यकाल के दौरान इन मुद्दों से निपटना होगा। इसके अलावा, उन्हें प्रस्तावित मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना के तहत दिल्ली में पात्र महिलाओं को 1000 रुपए का मानदेय प्रदान करने के केजरीवाल के वादे को लागू करना भी सुनिश्चित करना होगा।
अधिकारियों ने बताया कि उनके समक्ष तात्कालिक कार्य पार्टी में परामर्श से मंत्रियों के बीच विभागों का आवंटन करना, ग्रुप-ए पदस्थापन के लिए जरूरी राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण की बैठक आयोजित करना, सेवाओं की घर पर आपूर्ति योजना को फिर से शुरू करना, दिल्ली विद्युत वाहन नीति 2.0 और सौर नीति को मंजूरी देना आदि होंगे।
नई मुख्यमंत्री सड़क, जलापूर्ति, सीवरेज, प्रदूषण, सब्सिडी वितरण और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के वेतन संशोधन से संबंधित कल्याणकारी योजनाओं और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर लंबित कार्यों में तेजी लाने के लिए बैठकों में भी शामिल होंगी।
अधिकारियों ने कहा कि हालांकि, आतिशी के समक्ष सबसे कड़ी चुनौती उपराज्यपाल वीके सक्सेना के साथ तालमेल स्थापित करना होगा क्योंकि दिल्ली सरकार के विभिन्न प्रशासनिक कामकाज के साथ-साथ विकास कार्यों के लिए उपराज्यपाल की मंजूरी की आवश्यकता होती है।
उन्होंने कहा कि नई मुख्यमंत्री के कार्यभार संभालने के साथ ही आने वाले हफ्तों में मोहल्ला क्लिनिक और प्रीमियम बसों, अस्पतालों, स्कूलों और फ्लाईओवर के उद्घाटन तथा नई पहल जैसी परियोजनाएं व योजनाएं मूर्तरूप ले सकती हैं।
केजरीवाल की जगह मुख्यमंत्री नामित किए जाने पर आतिशी ने कहा था कि अगले कुछ महीनों में उनके दो लक्ष्य होंगे, जिनमें आप सरकार की मुफ्त बिजली, पानी, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, महिलाओं के लिए बस यात्रा, बुजुर्गों के लिए तीर्थयात्रा जैसी योजनाओं को रोकने के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कथित प्रयासों के खिलाफ दिल्लीवासियों के हितों की रक्षा करना शामिल है।
आतिशी के अनुसार, उनका दूसरा लक्ष्य अगले साल फरवरी में होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री पद पर केजरीवाल की वापसी सुनिश्चित करना होगा। आतिशी ने कहा है कि उन्हें बहुत बड़ी जिम्मेदारी दी गई है और वह केजरीवाल के मार्गदर्शन में सरकार चलाएंगी।
(भाषा) Edited By : Chetan Gour