वैष्णोदेवी : 15 अक्टूबर से रोजाना 7 हजार श्रद्धालु कर सकेंगे दर्शन, तुगलकी आदेश ने बढ़ाई भक्तों की परेशानी

सुरेश एस डुग्गर

मंगलवार, 13 अक्टूबर 2020 (18:41 IST)
जम्मू। वैष्णोदेवी की यात्रा पर आने वालों के लिए यह है तो खुशखबरी कि 15 अक्टूबर से दर्शनार्थ आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या अब 7 हजार कर दी गई है, लेकिन प्रदेश में बाहरी राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं की मुसीबतें कम नहीं हो पा रही हैं जिन्हें प्रवेश द्वार लखनपुर में कोरोना जांच के नाम पर तंग किया जा रहा है।
ALSO READ: खुशखबरी! भारत में COVID-19 वैक्सीन की उपलब्धता पर स्वास्थ्य मंत्री ने किया बड़ा ऐलान
सच में यह हैरानी की बात है कि पूरे देश में अनलॉक-5 के तहत किसी भी राज्य या फिर यूटी में प्रवेश करने पर किसी भी प्रकार की जांच अब नहीं हो रही, लेकिन जम्मू-कश्मीर में इसके लिए तुगलकी आदेश जारी किया जा चुका है। जम्मू संभाग में प्रवेश करने वालों को लखनपुर में तथा कश्मीर जाने वालों को लोअर मुंडा में कोरोना जांच के नाम पर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
 
अभी तक वैष्णोदेवी आने वालों की संख्या 5 हजार तय की गई थी जिसमें 4000 प्रदेश तथा 1000 बाहरी श्रद्धालुओं को यात्रा में शामिल होने की अनुमति थी। अब ये बंदिशें हटा ली गई हैं। इसके लिए ऑनलाइन पंजीकरण ही होगा और 7 हजार में से चाहे कितने भी श्रद्धालु बाहरी राज्यों से आए या फिर प्रदेश से।
ALSO READ: वि‍वाद के बाद ‘तनिष्‍क’ ने हटाया विज्ञापन, शशि‍ थरूर ने दिया ये ‘बयान’
श्राइन बोर्ड के अधिकारियों के मुताबिक लखनपुर में श्रद्धालुओं को परेशान करने की शिकायतें मिलने के बाद वहां अधिकारियों से बात की गई थी लेकिन कोई ठोस परिणाम नहीं निकला है। श्रद्धालुओं को कितनी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि पिछले दिनों गोरखपुर से आए श्रद्धालुओं के एक जत्थे को 12 घंटों तक दर-ब-दर भटकना पड़ा था। यही नहीं, प्रदेश के बाहर से आने वालों और प्रदेश से पड़ोसी राज्यों में सुबह जाकर शाम को लौटने वालों को भी लखनपुर में प्रशासनिक दादागिरी को सहन करना पड़ रहा है।
ALSO READ: पुल बनाने पर झल्लाया चीन, बोला- लद्दाख और अरुणाचल को भारत के हिस्से के रूप में नहीं देता मान्यता
लखनपुर में लगाई गई पाबंदियों को हटाने का वादा केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने भी किया था, लेकिन मुख्य सचिव की अध्यक्षता में फैसला लेने वाली कमेटी ने उनके वादे और आग्रह को भी दरकिनार कर दिया। नतीजा सामने है। परेशानियों से दो-चार होने वाले लोगों ने कई बार विरोध प्रदर्शन भी किया पर कहीं कोई सुनवाई नहीं।
 
इतना जरूर था कि वैष्णोदेवी यात्रा में अपनी अहम भूमिका निभाने वाले घोड़ा, पिट्ठू और पालकी वालों के विरोध के बाद उनकी सेवाएं भी 15 अक्टूबर से जारी करने की अनुमति दे गई है। बस शर्त यही रखी गई है कि वे उन नियमों का पालन करेंगे जो कोरोना से बचाव के लिए बनाए गए हैं।

वेबदुनिया पर पढ़ें

सम्बंधित जानकारी