उन्होंने कहा कि लेकिन यदि इसकी आड में केन्द्र की भाजपा सरकार और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने राजनीतिक स्वार्थ को साधने की कोशिश करते हैं और अपनी विफलताओं पर परदा डालने के लिए 90 प्रतिशत गरीब, मेहनतकश और मध्यम वर्गीय जनता को कष्ट देने के लिए तानाशाहपूर्ण रवैया अपनाते हैं तो बसपा आम जनता के साथ खडे होकर उनकी तकलीफों को कम करने के लिए केन्द्र के ऐसे सभी फैसलों का संसद के भीतर और बाहर सख्त विरोध कर रही है।
मायावती ने कहा कि भाजपा और उनकी केंद्र की सरकार के लोग हमारी पार्टी खासकर उसके सर्वोच्च नेतृत्व के खिलाफ कितने ही गलत आरोप क्यों ना लगाएं, सब जानते हैं कि बसपा देश के गरीबों, उपेक्षितों, मुस्लिमों एवं अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ किसानों, मजदूरों, मध्य वर्ग के लोगों की पार्टी है। उन्होंने कहा कि बसपा देश के करोडों लोगों की पीडा को अपनी पीड़ा मानते हुए हर कुर्बानी देने को तैयार रहती है। यही संघर्ष नोटबंदी के मामले में भी किया जा रहा है। (भाषा)