बसपा अध्यक्ष ने कहा कि बड़े मुद्रा नोटों में सदस्यता शुल्क को रखने से धन लाने-ले जाने में आसानी होती है। वह खुद इस धनराशि का हिसाब-किताब करती हैं। चूंकि वह अगस्त, सितम्बर और आधे नवम्बर तक उत्तर प्रदेश में ही रहीं। इसी बीच, आठ नवम्बर को नोटबंदी का ऐलान हो गया। उसके बाद उन्होंने दिल्ली जाकर पूरे देश से आई सदस्यता शुल्क का हिसाब देखा और फिर उस धनराशि को बैंक में जमा कराया। इसमें कुछ गलत नहीं किया गया।