मायावती ने कहा कि नोटबंदी के कारण देश के 90 फीसदी लोगों को परेशानी हुई है। यह फैसला आजाद भारत का काला अध्याय है। मोदी सरकार ने बिना तैयारी के नोटबंदी का फैसला लिया। इसके चलते कई लोगों की जान भी चली गई। उन्होंने अपनी पिछली प्रेस कॉन्फ्रेंस की बातों को भी दोहराया कि नोटबंदी के पहले भाजपा नेताओं के खाते में जमा हुई रकम को भी सार्वजनिक करना चाहिए।
नरेन्द्र मोदी के 31 दिसंबर के राष्ट्र के नाम संबोधन पर कटाक्ष करते हुए मायावती ने कहा कि ऐसा नहीं लगता कि मोदी देश के लोगों की उम्मीदों को पूरा कर पाएंगे। ऐसा लगा था कि वे गरीब, मध्यम वर्ग और मेहनतकश लोगों के हक में कोई घोषणा करेंगे, लेकिन उन्होंने निराश किया।
उन्होंने कहा कि देश के छोटे किसान कर्ज माफी की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मायावती ने कहा कि हाल में इकट्ठा हुए काले धन में से गरीबों के खाते में 15-20 लाख रुपए जमा होने चाहिए। मोदी की ज्यादातर घोषणाएं खानापूर्ति से ज्यादा कुछ नहीं थीं।