उन्होंने कहा कि 2 जून 1995 को लखनऊ के स्टेट गेस्ट हाउस में सपा नेतृत्व द्वारा उन पर कराए गए जानलेवा हमले के अक्षम्य अपराध के बाद बसपा ने कभी भी सपा से कोई नाम मात्र का भी सियासी मेलजोल नहीं रखा है, तब से लेकर आज तक बसपा हर मोर्चे पर सपा के आपराधिक चाल, चरित्र व चेहरे का लगातार विरोध करती रही है।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री ने गत 24 अक्टूबर को महोबा में आयोजित परिवर्तन महारैली में कहा था कि चुनाव प्रचार में बसपा और सपा एक-दूसरे पर भ्रष्टाचार लगाते रहते हैं लेकिन सत्ता में आने पर उन्होंने कभी दूसरी पार्टी के भ्रष्टाचारियों को जेल नहीं भेजा। ये दोनों पार्टियां जनता को भ्रमित करने का खेल, खेलकर कुर्सी हथियाती हैं। (भाषा)