महबूबा ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का उल्लेख करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर में शांति के लिए वाजपेयी ने एक राजनीतिक प्रक्रिया शुरू की थी। वाजपेयीजी ने हुर्रियत के साथ बातचीत शुरू की थी। उन्होंने उस समय पाकिस्तान से बातचीत शुरू की थी, जब लालकृष्ण आडवाणी उपप्रधानमंत्री थे। हमें उदार आर्थिक पैकेज मिला। संप्रग ने इसे कुछ समय तक जारी रखा और फिर रोक दिया।
पीडीपी प्रमुख ने कहा कि सवाल भाजपा, नेशनल कान्फ्रेंस या कांग्रेस का नहीं बल्कि सवाल पीडीपी के मेल-मिलाप वाले एजेंडे का है। यदि नेतृत्व इस अवसर के अनुरूप चलता है और जनादेश को स्वीकार करता है तो सरकार का गठन 15 मिनट की बात है। (भाषा)