सीबीआई ने चोकसी के प्रत्यर्पण का अनुरोध सरकार को भेजा

शुक्रवार, 3 अगस्त 2018 (22:36 IST)
नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने भगोड़े व्यवसायी मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण के लिए एक अनुरोध सरकार के पास भेजा है ताकि सरकार इसे आगे एंटीगुआ को भेज सके। चोकसी ने पिछले वर्ष नवंबर में एंटीगुआ की नागरिकता ली थी। एजेंसी के एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
 
 
सीबीआई सूत्रों ने बताया कि एजेंसी ने भारत में उसके खिलाफ मुकदमा चलाए जाने के लिए उसे प्रत्यर्पित करने के लिए 3 आधारों का हवाला दिया है जिसमें कहा गया है कि चोकसी पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में 2 अरब डॉलर के घोटाले के कथित षड्यंत्रकर्ताओं में से एक था।
 
उन्होंने कहा कि एजेंसी ने आदान-प्रदान करने के सिद्धांत को रेखांकित किया है, जहां दोनों देशों के बीच जरूरत पड़ने पर भगोड़ों का आदान-प्रदान किया जा सकता है। दोहरी आपराधिकता के सिद्धांत जिसमें कहा गया है कि भगोड़े पर कथित आरोप दोनों देशों में एक अपराध होना चाहिए। भ्रष्टाचार के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन है जिसमें भारत और एंटीगुआ दोनों हस्ताक्षरकर्ता हैं।
 
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन में हस्ताक्षर करने वाले देशों से भ्रष्टाचार के मामलों में सहयोग करने का आग्रह किया गया है। सीबीआई ने यह कदम उन मीडिया रिपोर्टों के मद्देनजर उठाया है जिनमें दावा किया गया है कि भारतीय एजेंसियों ने एंटीगुआ को बताया था कि मेहुल चोकसी के खिलाफ कोई मामला नहीं है। नवंबर 2017 में चोकसी को एंटीगुआ की नागरिकता मिली थी।
 
एंटीगुआ के अखबार 'डेली ऑब्जर्वर' ने सिटीजनशिप बाई इन्वेस्टमेंट यूनिट ऑफ एंटीगुआ एंड बारबूडा के एक बयान के हवाले से गुरुवार को दावा किया था कि चोकसी की पृष्ठभूमि की जांच किए जाने के दौरान भारतीय एजेंसियों ने कोई भी अपमानजनक सूचना साझा नहीं की थी।
 
अखबार ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि मई 2017 में एंटीगुआ में नागरिकता के लिए चोकसी के आवेदन के साथ स्थानीय पुलिस से मंजूरी भी दी गई थी। 'डेली ऑब्जर्वर' ने अपनी एक पूर्व की एक रिपोर्ट में कहा था कि विस्तृत पृष्ठभूमि जांच के बाद नवंबर 2017 में चोकसी को नागरिकता दी गई थी। एंटीगुआ का पासपोर्ट हासिल करने के बाद चोकसी इस वर्ष 4 जनवरी को भारत से भाग गया था और उसने 15 जनवरी 2018 को एंटीगुआ में शरण ली थी। (भाषा)

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