मेवात के इन ठगों ने 220 से ज्यादा वारदातें सिर्फ दिल्ली-एनसीआर में ही कर रखी हैं। इनके खिलाफ ठोस सबूत जुटाने के लिए फरीदाबाद सायबर थानों और क्राइम ब्रांच की टीमों ने एक संयुक्त टीम अभी भी मेवात के क्षेत्रों को खंगालती रहती है।
14 गांवों में हुई थी कार्रवाई : साइबर फ्रॉड करने वाले साइबर ठगों पर बीते दिनों हरियाणा पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की थी, जिसमे नूंह के पुन्हाना कस्बे के बिछौर थाना एरिया के 14 गांवों में 300 लोकेशन पर हुई कार्रवाई में अलग-अलग जिलों के पांच हज़ार पुलिसकर्मी शामिल हुए थे। इस टीम में फरीदाबाद पुलिस से एक DCP, 04 ACP, छह इंस्पेक्टर, 100 महिला पुलिसकर्मी समेत 500 पुलिसकर्मी शामिल थे। इस टीम में शहर के तीनों साइबर थानों की टीम भी शामिल रही। कार्रवाई में 125 आरोपियों को टीम ने दबोचा था, जिसमे से 60 साइबर ठगों को अरेस्ट किया गया था।
ऐसे देते हैं सायबर क्राइम को अंजाम : बता दें कि बेहद ही शातिराना तरीकों से यहां सायबर क्राइम को अंजाम दिया जाता है। सायबर अपराधी लोगों को ठगने के लिए रात 8 बजे बाद अपने घरों से जंगल या खेतों में बने ठिकानों पर निकल जाते थे। ठगों ने जंगल में ही खाने-पीने के लिए टैंट और तंबू लगाकर इंतजाम कर रखे थे। मेवात क्षेत्र के आरोपी सेक्सटॉर्शन, क्रेडिट कार्ड से जुड़े फ्रॉड, सैन्यकर्मी बनकर ऑनलाइन प्रोडक्ट बेचने व खरीदने, बैंककर्मी बनकर KYC अपडेट करने के नाम पर फ्रॉड करते हैं। किसी भी प्रोडक्ट को बेचने या खरीदने के एड डालकर या किसी के एड पर जाकर खुद को सैन्यकर्मी बताकर ठगी करते हैं। ऑनलाइन शराब डिलिवरी के नाम पर ठगी होती है। इसके अलावा बिजली बिल जमा करने, गूगल पर फर्ज़ी कस्टमर केयर नंबर से मदद करने, वर्क फ्रॉम होम का टास्क देकर ठगी करने, फर्जी प्रोफाइल बनाकर ठगी करने जैसे काम ये ठग करते हैं।
बंद कराए थे 2 लाख सिम : नूंह जिले के साथ ही मेवात क्षेत्र राजस्थान के भरतपुर और अलवर जिले तक फैला हुआ है। इन जिलों के 40 गांव के युवा सायबर ठगी करने में शामिल थे। पुलिस ने इन 40 गांवों में करीब 2 लाख सिम बंद कराए थे। बता दें कि पिछले दिनों हरियाणा ही नहीं दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान मध्यप्रदेश तथा अन्य राज्यों की सायबर सेल से मिले इनपुट के आधार पर कार्रवाई की गई थी। अगर यह कहें कि जामताड़ा के बाद मेवात सायबर क्राइम का सबसे बड़ा अड्डा है तो गलत नहीं होगा।
Edited by navin rangiyal