एचएएल ने एक बयान में कहा कि हादसा शुक्रवार सुबह 10.30 बजे एक संक्षिप्त यात्रा के दौरान हुआ। विमान में धमाका होने के बाद आग की लपटें उठने लगीं और घटनास्थल पर धुआं फैल गया, जिससे यात्री और इसके आसपास रहने वाले लोग हैरान रह गए। इसके बाद अग्निशामकों और हवाई अड्डे के कर्मचारियों ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।
दुर्घटना के बाद विमान में सवार दोनों पायलटों ने पैराशूट की मदद से छलांग लगाई, लेकिन दुर्भाग्यवश बाद में दोनों की मौत हो गई। दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए जांच के आदेश दिए गए हैं। वर्ष 2012 में भी दो मिराज विमान दुर्घटनाग्रस्त हुए थे।