रणनीति साझेदारी पर सहमति : बयान में कहा गया कि यूक्रेन की स्थिति पर चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने बातचीत और कूटनीति का रास्ता अख्तियार करने का अपना आह्वान दोहराया। दोनों नेताओं ने संपर्क में रहने और दोनों देशों के बीच विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के प्रयास जारी रखने पर सहमति व्यक्त की।
रूस के राष्ट्रपति कार्यालय क्रेमलिन ने कहा कि बातचीत का स्वरूप सार्थक एवं रचनात्मक रहा। नेताओं ने रूस और भारत के बीच विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए आपसी प्रतिबद्धता दोहराई और संपर्क जारी रखने पर सहमति व्यक्त की। पुतिन ने मोदी को कूटनीति के माध्यम से संघर्ष को सुलझाने से यूक्रेन के स्पष्ट इनकार के बारे में सूचित किया।
यूक्रेन युद्ध पर भी चर्चा : बयान में कहा गया कि दोनों नेताओं ने यूक्रेन से संबंधित स्थिति पर चर्चा की। रूसी राष्ट्रपति ने विशेष सैन्य अभियान क्षेत्र में वर्तमान स्थिति का आकलन किया, जो संघर्ष को हल करने के लिए राजनीतिक और राजनयिक कदम उठाने से कीव के स्पष्ट इनकार की ओर इशारा करता है।
उन्होंने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) और जी20 के भीतर अपने देशों के सहयोग पर भी चर्चा की। बयान में कहा गया कि शंघाई सहयोग संगठन और जी20 जिसकी अध्यक्षता भारत के पास है, के साथ-साथ ब्रिक्स प्रारूप के भीतर सहयोग पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया। (भाषा)