मोदी सरकार की नेशनल हेल्थ पॉलिसी, अब सबको मिलेगा मुफ्त इलाज

गुरुवार, 16 मार्च 2017 (08:30 IST)
नई दिल्ली। महंगे इलाज से परेशान लोगों को बड़ी राहत देते हुए मोदी सरकार ने नेशनल हेल्थ पॉलिसी के माध्यम से अब सबको मुफ्त इलाज प्रदान करने का फैसला किया है। मंत्रिमंडल की बैठक में बुधवार को इस योजना को मंजूरी दे दी गई।  
 
पिछले दो साल से लंबित इस ड्राफ्ट को पीएम मोदी के नर्देश अनुसार कुछ बदलाव करते हुए मंजूरी दी गई है। इस पॉलिसी के माध्यम से सरकार देश की बड़ी आबादी को मुफ्त इलाज देने की कोशिश में है। इस पॉलिसी के बाद अगर किसी के पास पैसे नहीं हैं तो इसे भी इलाज मिल सकेगा और सरकारी अस्पतालों में मुफ्त जांच हो सकेगी।
 
हालांकि इस पॉलिसी में हेल्थ टैक्स लगाने की बात भी कही गई है। लेकिन राज्यों के इस बात की छूट रहेगी कि वो इसे लागू करते हैं या नहीं। 

स्वास्थ्य मंत्री जीपी नड्डा ने सदन में यह घोषणा करते हुए कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल की यहां हुई बैठक में इस नीति को बुधवार को मंजूरी दी गई। उन्होंने इसे राष्ट्रीय प्रतिबद्धता करार दिया और कहा कि इसके जरिए रोगी को गुणवत्तापूर्ण और सभी जरूरी सुविधाओं से युक्त सेवा देने को महत्व दिया गया है।
 
नड्डा ने कहा कि नीति का मकसद सभी आयुवर्ग के लोगों को गुणवत्तापूर्ण और बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराना है। नीति पेशेवर लोगों द्वारा तैयार की गई है और इसे मरीजों के हितों पर केंद्रित करते हुए समानता, गुणवत्ता और जिम्मेदारी को इसका आधार बनाया गया है। नीति में बेहतर राष्ट्रीय स्वास्थ्य को लक्ष्य बनाया गया है और यह सुनिश्चित किया गया है कि देश के हर नागरिक को सस्ती दर पर गुणवत्तापूर्ण उपचार मिले। 
 
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह नीति रोगी आधारित है जिसमें उसे स्वास्थ्य संबंधी सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराना है और रोगी को सशक्त बनाना है। इसका मकसद नवजात शिशु मृत्यु दर को कम करना तथा मधुमेह तथा रक्तचाप जैसे गैर संचारी रोगों से निपटना है।
 
उन्होंने कहा कि नीति को अंतिम रूप देने से पहले लोगों के बीच रखा गया और नीति निर्माताओं को आम लोगों की तरफ से 5,000 सलाह मिली है। इन सभी मशविरों पर विचार करके आवश्यक बिंदुओं को नीति में शामिल किया गया है ताकि स्वास्थ्य सेवाओं में बुनियादी स्तर पर बदलाव लाया जा सके। इसमें गरीबों के लिए मुफ्त दवा और मुफ्त जांच पर बल दिया गया है। नीति में 2017 तक काला ज्वर के उन्मूलन तथा 2025 तक दृष्टिहीनता को 25 प्रतिशत तक कम करना है।

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