मोदी ने कहा, 'ऐसे समय में जब आरबीआई अपनी 80वीं वषर्गांठ मना रहा है, क्या हमें यह चिंतन कर सकते हैं कि हम अपने बैंकिंग क्षेत्र का इतना विस्तार कर दें कि किसी भी किसान को कर्ज के भारी बोझ के चलते आत्महत्या न करनी पड़े। क्या हम यह सपना नहीं देख सकते। मैं नहीं मानता कि गरीबों की मदद कर कोई बैंक दिवालिया हो सकता है।'