भारतीय विज्ञान कांग्रेस के 104वें सत्र के उद्घाटन अवसर पर अपने संबोधन में मोदी ने 'साइबर-फिजीकल तंत्रों के त्वरित वैश्विक उदय' को एक ऐसा अहम क्षेत्र बताया, जिसपर ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि यह अभूतपूर्व चुनौतियां पेश कर सकता है। इसके साथ ही उन्होंने देश की बड़ी युवा जनसंख्या से मिल सकने वाले लाभ पर भी जोर दिया।
उन्होंने कहा, 'लेकिन हम रोबोट विज्ञान, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, डिजिटल उत्पादन, वृहद आंकड़ा विश्लेषण, गहन अध्ययन, क्वांटम संचार और इंटरनेट में अनुसंधान, प्रशिक्षण और कौशल के जरिए इसे बड़े अवसर के रूप में तब्दील कर सकते हैं।'
उन्होंने कहा, 'इन प्रौद्योगिकियों का विकास करने और इनका दोहन सेवा एवं उत्पादन क्षेत्रों में, कृषि में, जल, ऊर्जा व यातायात प्रबंधन, स्वास्थ्य, पर्यावरण, सुरक्षा, अवसंरचना एवं भू सूचना तंत्रों में किए जाने की जरूरत है।' (भाषा)