उन्होंने भारतीय उद्योगों से भी रवांडा के विकास में सहयोग की अपील करते हुए कहा कि रवांडा जिस आधुनिकता की दिशा में जा रहा है - चाहे बुनियादी ढाँचा हो या ग्रामीण विकास, आर्थिक गतिविधियां हों या छोटे उद्योगों का नेटवर्क खड़ा करना हो या कुटीर उद्योगों का - ये सारे विषय ऐसे हैं जिनमें भारत के व्यापार - उद्योग जगत के लोग मिलकर बहुत कुछ कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि भारत तेजी से विकास कर रहा है, लेकिन हमारा मंत्र तो सबका साथ, सबका विकास है। हम तो विकास करें ही, हमारे साथ जुड़कर चलने वाले सभी लोगों को विकास में मदद करें और हम साथ मिलकर के चलेगें।
प्रधानमंत्री ने उनके साथ गए व्यापार प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों से कहा कि रवांडा आने का मतलब होता है कि आप के लिए पूरे अफ्रीका के द्वार खुल जाते हैं क्योंकि चाबी यहां पर है। पूरे अफ्रीका में रवांडा के मॉडल की चर्चा होती है, उसके विकास और प्रशासन की चर्चा होती है।
अच्छा प्रशासन, विकास, लोगों की प्रगति और समृद्धि तथा सामाजिक शांति उनके केंद्र में है और हम भारत के लोगों की प्रकृति को ये चीजें बहुत भाती हैं। भारत और रवांडा के पुराने रिश्तों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि गुजरात के जोधपुर का एक परिवार 19वीं सदी के अंत में यहां आया था और तब से लगातार भारतीय लोग यहां आते रहे हैं।