भारत में नाश्ता, अफगानिस्तान में लंच और कतर में डिनर करेंगे मोदी...
शनिवार, 4 जून 2016 (08:11 IST)
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार से पांच देशों अफगानिस्तान, कतर, स्विट्जरलैंड, अमेरिका और मेक्सिको के दौरे की शुरुआत करेंगे। मोदी की यात्रा की शुरुआत अफगानिस्तान से होगी और फिर शाम को ही वे कतर रवाना हो जाएंंगे। उनकी इस यात्रा का मुख्य मकसद इन देशों के साथ भारत के व्यापार, उर्जा और सुरक्षा सहयोग को विस्तार देना तथा संबंधों को नई गति प्रदान करना है।
अपने इस विदेश प्रवास के दौरान मोदी 48 सदस्यीय परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में भारत की सदस्यता के लिए स्विट्जरलैंड का सहयोग मांग सकते हैं क्योंकि ये दोनों इस प्रतिष्ठित समूह के मुख्य सदस्य हैं। वाशिंगटन में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ मोदी की बातचीत के दौरान भी यह मुद्दा उठ सकता है।
स्विट्जरलैंड के नेतृत्व के साथ बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री वहां के बैंकों में भारतीय नागरिकों के जमा कालेधन के मुद्दे को भी उठा सकते हैं।
अपनी विदेश यात्रा के पहले पड़ाव के तौर पर प्रधानमंत्री मोदी अफगानिस्तान जाएंगे जहां हेरात प्रांत में वह अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी के साथ अफगान-भारत मित्रता सेतु का भी उद्घाटन करेंगे। पहले इसे सलमा बांध के नाम से जाना जाता था। दोनों नेता अफगानिस्तान में मौजूदा हालात सहित कई मुद्दों पर बातचीत करेंगे। अफगानिस्तान से मोदी आज ही कतर जाएंगे और फिर वहां से रविवार को दो दिन के लिए स्विट्जरलैंड जाएंगे।
यह पूछे जाने कि प्रधानमंत्री मोदी स्विस नेताओं के साथ बातचीत के दौरान कालेधन का मुद्दा उठाएंगे तो विदेश सचिव एस जयशंकर ने कहा कि इस मुद्दे पर दोनों देश संपर्क में हैं।
जयशंकर ने कहा कि हम दोहरे कराधान से बचाव की संधि डीटीएए के तहत स्विस सरकार के साथ संपर्क में हैं और हमने इसको लेकर कुछ चर्चा की है तथा निकट भविष्य में हमारी कुछ योजना है। दोनों देशों के बीच कर डाटा पर सूचना आदान प्रदान को लेकर हमें स्विस प्रशासन से सहयोग मिला है।
उन्होंने कहा कि उम्मीद करते हैं कि स्विट्जरलैंड के साथ सूचना के ऑटोमैटिक आदान-प्रदान को लेकर जल्द से जल्द संपर्क स्थापित होगा तथा इस बारे में स्विस कर अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है।
एनएसजी में भारत की सदस्यता की दावेदारी के बारे में जयशंकर ने कहा कि भारत इस प्रतिष्ठित समूह का सदस्य बनने के लिए कई वर्षों से कोशिश करता आ रहा है और इसको लेकर काफी प्रगति हुई है।
विदेश सचिव ने कहा कि मुझे लगता है कि हमने बहुत अधिक प्रगति की है और इस कारण हम कुछ दिन पहले एनएसजी की सदस्यता के लिए औपचारिक रूप से आवेदन कर सके हैं। हम इस मुद्दे को लेकर एनएसजी के सदस्यों के साथ संपर्क में हूं और स्विट्जरलैंड इस समूह का महत्वपूर्ण सदस्य है तथा ऐसे में हम निश्चित तौर पर यह मुद्दा बातचीत में आएगा। भारत ने गत 12 मई को एनएसजी की सदस्यता के लिए औपचारिक रूप से आवेदन किया।
स्विट्जरलैंड से प्रधानमंत्री छह जून को वाशिंगटन जाएंगे जहां उनका काफी व्यस्त कार्यक्रम है। वह अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित भी करने वाले हैं। ऐसा करने वाले वह पांचवें भारतीय प्रधानमंत्री होंगे।
वह छह जून को ‘अरलिंगटन नेशनल सिमिटरी’ में श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। इसके बाद वह कई अमेरिकी थिंकटैंक के प्रमुखों से मुलाकात करेंगे। वह प्रवासी भारतीयों के एक कार्यक्रम में भी शिकरत करेंगे। (भाषा)