नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि दुनिया उगते सूर्य की पूजा में लगी रहती है लेकिन छठ का पर्व उनकी आराधना का भी संस्कार देता है जिनका डूबना तय है।
मोदी ने आकाशवाणी पर प्रसारित 'मन की बात' के माध्यम से देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि आस्था के इस महापर्व में उगते सूर्य की उपासना और डूबते सूर्य की पूजा का सन्देश अद्वितीय संस्कार से भरा है। दुनिया तो उगने वालों को पूजने में लगी रहती है लेकिन छठ-पूजा हमें, उनकी आराधना करने का भी संस्कार देती है जिनका डूबना भी निश्चित है।'
अहंकार को व्यक्ति की प्रगति की राह में बाधक बताते हुए मोदी ने कहा कि आम तौर पर किसी से कुछ मांगने को हीन माना जाता है लेकिन छठ में मांगकर प्रसाद खाने की परंपरा के पीछे मान्यता यह है कि इससे अहंकार नष्ट होता है।
सूर्य वंदना के इस त्योहार को पर्यावरण संरक्षण, रोग निवारण व अनुशासन का पर्व बताते हुए मोदी ने कहा कि यह प्रकृति और प्रकृति की उपासना से पूरी तरह जुड़ा हुआ है। जीवन में स्वच्छता के महत्व की अभिव्यक्ति भी इस त्योहार में समाई हुई है। (वार्ता)