मोदी ने चीनी राष्ट्रपति से की घुसपैठ पर बात

गुरुवार, 18 सितम्बर 2014 (10:47 IST)
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत की यात्रा पर आए चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ हुई मुलाकात में चीनी घुसपैठ का मुद्दा उठाया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने यह जानकारी दी।
 









मोदी ने कहा कि मैंने सीमा की घटनाओं पर चिंता जताई है। उन्हें सुलझाने के लिए भी कहा है। आपसी विश्वास अच्छे संबंधों की नींव है। उन्होंने कहा कि हमारे सीमा संबंधी समझौतों से फायदा हुआ। सीमा पर शांति के लिए एलएसी का स्पष्टीकरण होना चाहिए।

इस पर जिनपिंग ने जल्द से जल्द सीमा विवाद सुलझाने पर जोर देते हुए कहा कि सीमा का निर्धारण ना होने की वजह से कुछ घटनाएं हुईं लेकिन दोनों देशों के पास इस तरह की घटनाओं से निपटने के लिए तंत्र है।

उन्होंने कहा कि सीमा पर शांति रहनी चाहिए। दोनों ही देश एक दूसरे की चिंताओं का ध्यान रखेंगे। हालांकि उन्होंने इस बात पर खुशी जताई कि सीमा की घटनाओं का रिश्तों पर असर नहीं पड़ा।

इससे पहले विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरूद्दीन ने कहा कि शिखर बैठकें नेताओं के लिए वह अवसर होती हैं जब वे द्विपक्षीय संबंधों से जुड़े सभी ठोस मुद्दों को उठाते हैं। प्रधानमंत्री ने बीती रात, यात्रा पर आए विशेष मेहमान के साथ बैठक में यह मुद्दा उठाया। 
 
बुधवार को अहमदाबाद पहुंचे शी के लिए निजी रात्रि भोज का आयोजन करने वाले मोदी ने चीनी घुसपैठ के मुद्दे पर भारतीय चिंताओं से चीनी राष्ट्रपति को अवगत कराया था। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
 
बताया जाता है कि चीनी सेना ने जम्मू कश्मीर के चुमार इलाके में नए सिरे से घुसपैठ की और लौटने से मना कर दिया। चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के करीब 100 और सैनिक एक पहाड़ी से चुमार इलाके में आ गए और उनकी संख्या करीब 350 हो गई।
 
लद्दाख के दमछोक में चीनी बंजारों ‘रेबोस’ द्वारा अपने तंबू गाड़े जाने का मसला अभी भी जारी है। इस भारतीय क्षेत्र में करीब 500 मीटर भीतर तक आकर घुसपैठ की गई है। (भाषा)

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