नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने युवाओं से देश को जाति, संप्रदाय, आतंकवाद और भ्रष्टाचार के जहर से मुक्त कर 'नए भारत' के निर्माण का आह्वान करते हुए कहा है कि शांति और सद्भावना ही हमारी प्रेरक शक्ति होनी चाहिए।
मोदी ने नववर्ष की पूर्व संध्या पर आकाशवाणी से रविवार को प्रसारित 'मन की बात' कार्यक्रम में कहा कि 21वीं सदी के भारत में शांति, सद्भावना और एकता ही हमारी प्रेरक शक्ति होनी चाहिए। नए भारत को गंदगी और गरीबी से मुक्त होना चाहिए, जहां सबके लिए समान अवसर हों और सभी की आशा एवं आकांक्षाएं पूरी हों।
मोदी ने वोट की शक्ति को लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत बताते हुए कहा कि लाखों लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए वोट सबसे प्रभावी साधन है। युवा ही 21वीं सदी के भारत के निर्माता बन सकते हैं और इसकी शुरुआत 1 जनवरी से हो रही है।
प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त के आसपास दिल्ली में 'मॉक पार्लियामेंट' आयोजित करने का सुझाव देते हुए कहा कि इसमें हर जिले से चुना गया एक युवा इस विषय पर चर्चा करे कि कैसे अगले 5 सालों में एक नए भारत का निर्माण किया जा सकता है? और संकल्प से सिद्धि कैसे प्राप्त की जा सकती है? (वार्ता)