खादी ग्रामोद्योग के कैलेंडर पर महात्मा गांधी की जगह मोदी, बवाल

गुरुवार, 12 जनवरी 2017 (21:30 IST)
खादी ग्रामोद्योग के कैलेंडर पर उस समय बवाल मच गया जब सालों से चली आ रही परम्परा को तोड़ दिया गया। इस साल यहां के कैलेंडर में महात्मा गांधी की जगह पीएम नरेंद्र मोदी नजर आ रहे हैं।
 
कैलेेंडर पर  महात्मा गांधी की जगह पीएम मोदी की तस्वीर देख आयोग के कर्मचारी भी स्तब्ध है। हालांकि आयोग के चेयरमैन विनय कुमार सक्‍सेना ने कहा कि यह कोई असमान्‍य बात नहीं है और पहले भी हो चुका है।
 
सक्‍सेना ने कहा कि पूरा खादी उद्योग गांधी जी की विचारधारा पर बना है। वो खादी उद्योग की आत्‍मा हैं ऐसे में उन्‍हें नजरअंदाज करने का कोई सवाल ही नहीं है।
 
उन्‍होंने आगे कहा कि मोदी लंबे समय से खादी पहनते आ रहे हैं और अपनी ही स्‍टाइल बनाते हुए इसे जनता और विदेशी मेहमानों में भी इसे प्रचलित भी किया है। वास्‍तव में वो खादी के सबसे बड़े ब्रांड एंबेसेडर हैं और उनका विजन खादी उद्योग के मेक इन इंडिया के माध्‍यम से गांवों को स्‍वपूर्ण बनाने, स्किल डेवलपमेंट के माध्‍यम से रोजगार पैदा करने, खादी बनाने में नई तकनीक लाने और मर्केटिंग इनोवेशन के विजन से मेल खाता है।

खादी ग्रामोद्योग आयोग के कलेंडर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को महात्मा गांधी की तरह एक बड़े चरखे पर खादी कातते हुए दिखाए जाने की दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने कड़ी आलोचना की है।
 
केजरीवाल ने ट्वीट किया है, 'गांधी बनने के लिए कई जन्मों की तपस्या करनी पड़ती है। चरख़ा कातने की ऐक्टिंग करने से कोई गांधी नहीं बन जाता, बल्कि उपहास का पात्र बनता है।'
 
केजरीवाल की पार्टी के एक अन्य नेता आशुतोष ने भी इसकी निंदा करते हुए कहा है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पिछले 83 वर्षों से महात्मा गांधी की विरासत को मिटाने का प्रयास करता रहा है। मोदी भी ऐसा प्रयास कर रहे हैं लेकिन महात्मा गांधी लोगों के दिलों में बसते हैं और एक 'तानाशाह' उनकी स्मृति को मिटा नहीं सकता।
 
इस बीच सरकार की ओर से सफाई में कहा गया है कि आयोग के कलेंडर पर प्रधानमंत्री का जो फोटो लगाया गया है वह आयोग के एक कार्यक्रम का है। सामाजिक कार्यकर्ता एवं स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेन्द्र यादव ने मोदी के फोटो पर विवाद को अनावश्यक बताते हुए कहा है कि महात्मा गांधी खुद इसका स्वागत करते, उन्होंने नोटों पर भी अपने फोटो का विरोध किया था। 

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