लेकिन इनमें से सिर्फ 10 प्रतिशत ही इसका इस्तेमाल कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री कोरोना वायरस महामारी पर देश की जनता को 4 बार संबोधित कर चुके हैं। पहली बार उन्होंने 'जनता कर्फ्यू' का आह्वान किया। उसके बाद लॉकडाउन की घोषणा और तीसरी बार घरों में मोमबत्तियां और दीये जलाने का आह्वान किया। इससे पहले मोदी ने जब पहली बार 21 दिनों के बंद की घोषणा की तो उनके इस संबोधन को रिकॉर्ड 19.3 करोड़ लोगों ने देखा।
परिषद ने कहा कि 12 अप्रैल को समाप्त हुए सप्ताह तक टीवी देखने का आंकड़ा कोविड-19 से पहले की तुलना में 38 प्रतिशत बढ़ा। लुल्ला ने संकेत दिया कि इसकी वजह राष्ट्रीय प्रसारणकर्ता दूरदर्शन के दर्शकों की संख्या में इजाफा है। बंद के दौरान दूरदर्शन ने रामायण और महाभारत का प्रसारण दोबारा शुरू किया है जिसकी वजह से उसके दर्शकों की संख्या बढ़ी है।
उन्होंने कहा कि सामान्य मनोरंजक चैनलों के दर्शकों की संख्या दूरदर्शन की वजह से बढ़ी है, हालांकि इसका एक दूसरा पहलू भी है। दर्शकों की संख्या जहां बढ़ी है, वहीं इस दौरान विज्ञापनों में गिरावट आई है। इस दौरान विज्ञापनों के समय में कुल 26 प्रतिशत की कमी आई। (भाषा)