मोदी अपनी यात्रा के दौरान व्लादीवोस्टक में 5 सितंबर को आयोजित ईस्टर्न इकॉनॉमिक फोरम के चीफ गेस्ट होंगे। इससे पहले मोदी 4 सितंबर को पुतिन के साथ वन-टू-वन डिनर के लिए भी खासतौर पर आमंत्रित किए गए हैं। डिनर के दौरान ही दोनों देशों के नेताओं के बीच द्विपक्षीय चर्चा भी होगी और दोनों देशों के बीच व्यापार, प्रतिरक्षा, निवेश, ऊर्जा, औद्योगिक सहयोग जैसे 25 समझौतों पर हस्ताक्षर भी हो सकते हैं।
रिश्तों को और मजबूत करेंगे : इसी दौरान मोदी व पुतिन अपने व्यक्तिगत रिश्तों को और मजबूत भी करेंगे तथा अफगानिस्तान तथा पाकिस्तान को लेकर प्रमुख वैश्विक मसलों पर आपसी समन्वय व तालमेल स्थापित करने का प्रयास करेंगे। पुतिन के सहयोगी यूरी उशाखोव ने रूसी मीडिया को बताया कि ऐसी बातचीत के दौरान मुख्य अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय समस्याओं, अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में आपसी सहयोग जैसे मुद्दों पर काफी भरोसे और सफाई के साथ चर्चा हो जाती है।
पुतिन आए थे पिछले वर्ष भारत : प्रतिवर्ष भारत और रूस के राष्ट्र प्रमुखों के बीच एक सालाना वार्ता होती है। पिछले साल ही इस वार्ता के लिए रूसी राष्ट्रपति भारत आए थे तब मोदी ने उन्हें अपने आवास पर वन-टू-वन डिनर के लिए आमंत्रित किया था। 2018 में भी इन दोनों नेताओं की एक मुलाकात हुई थी जिसमें दोनों ने अकेले में ही काफी वक्त गुजारा था और इसके बाद खुद व्लादिमीर पुतिनपीएम मोदी को छोड़ने के लिए एयरपोर्ट तक भी आए थे।
अनुच्छेद 370 हटाए जाने का किया था समर्थन : एक रिपोर्ट के मुताबिक दोनों नेताओं के व्यक्तिगत रिश्ते काफी मजबूत हैं। इसी के चलते भारत-रूस संबंधों में भी सुधार आया है। यही वजह है कि रूस ही संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का वह पहला सदस्य देश था जिसने कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के फैसले का समर्थन किया था।
गांधीजी का डाक टिकट करेंगे भेंट : मुलाकात के दौरान मोदी, पुतिन को एक डाक टिकट भी भेंट करेंगे, जो गांधीजी की 150वीं जयंती के अवसर पर जारी किया गया है। इस दौरान शिक्षा और संस्कृति से जुड़े कुछ समझौते भी होंगे जिनके जरिए रूसी शिक्षण संस्थाओं में भारतीय छात्रों की संख्या बढ़ाने पर जोर होगा। दोनों ही देश ऐसा रोडमैप तैयार करेंगे जिससे निवेश और व्यापार को बढ़ावा मिले। पीएम मोदी की यात्रा के दौरान वे इसे आखिरी रूप देंगे।