'कार्नेगी एंडोमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस' में दक्षिण एशिया कार्यक्रम के निदेशक एवं वरिष्ठ फेलो मिलान वैष्णव ने एक संपादकीय में कहा, 'ताजा उथल-पुथल इस बात का संकेत है कि नेहरू-गांधी परिवार की कांग्रेस पार्टी द्वारा लंबे समय से नियंत्रित देश में अब भाजपा राजनीति का नया केंद्र है।'
उन्होंने लिखा, 'दोनों सभाओं में नियंत्रण होने के साथ भाजपा अपने विधायी एजेंडे को कुछ मुश्किलों के साथ ही सही, आगे बढ़ा सकेगी।' इसके साथ ही उन्होंने इस बात को लेकर चिंता भी जाहिर की कि सत्ता के इस केन्द्रीकरण के नकारात्मक पहलू भी हैं। (भाषा)