बेंगलुरू। जनसंख्या नियंत्रण पर गरमा गरम चर्चाओं के बीच संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि योग्यतम की उत्तरजीविता का नियम (सर्ववाइल ऑफ दी फिटेस्ट) उन जानवरों पर लागू होता है, जो खाते है पीते और आबादी बढ़ाते हैं। जब मानव की बात आती है तो योग्यतम व्यक्ति वह है जो सबसे कमजोर को जीवित रहने में मदद करता है।
हालांकि, उन्होंने कहा कि यह नियम जानवरों के लिए लागू है, मनुष्यों के लिए नहीं। मनुष्यों में, सबसे योग्य व्यक्ति वह है जो दूसरों को जीवित रहने देंगे। योग्यतम व्यक्ति सबसे कमजोर को जीवित रहने में मदद करेगा। यही मानवीय उत्कृष्टता का अर्थ है।
भागवत ने योगी आदित्यनाथ की इसी बात को आगे बढ़ाया जो उन्होंने जनसंख्या नियंत्रण पखवाड़े के आयोजन पर कही थी। उन्होंने कहा कि जब हम परिवार नियोजन-जनसंख्या स्थिरीकरण के बारे में बात करते हैं, तो हमें यह ध्यान रखना होगा कि जनसंख्या नियंत्रण कार्यक्रम को सफलतापूर्वक आगे बढ़ना चाहिए, लेकिन साथ ही, जनसंख्या असंतुलन की स्थिति नहीं होने दी जानी चाहिए। भागवत ने यह भी कहा कि धर्म परिवर्तन को रोका जाना चाहिए क्योंकि यह व्यक्तियों को उनकी जड़ों से अलग करता है।