नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धर्मसत्ता का ध्वजवाहक करार दिया और कहा कि मोदी का रास्ता भले ही टेढ़ा मेढ़ा हो, लेकिन उनका लक्ष्य अडिग है जिसके लिए वह भक्ति भाव से कर्म कर रहे हैं।
भागवत ने यहां सुलभ इंटरनेशनल के प्रणेता डॉ. बिन्देश्वर पाठक द्वारा मोदी के जीवन पर रचित कॉफी टेबल बुक 'नरेन्द्र दामोदरदास मोदी : दि मेकिंग ऑफ लीजेंड' का विमोचन करने के बाद समारोह को संबोधित करते हुए यह बात कही। कार्यक्रम में भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के अध्यक्ष डॉ. बलदेव भाई शर्मा ने की।
भागवत ने कहा कि मोदी के गुजरात के मुख्यमंत्री बनने से पहले की 'अप्रसिद्ध यात्रा' के कारण ही मुख्यमंत्री बनने के बाद की जीवन यात्रा को इतनी प्रसिद्धि मिली है। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति के दो प्रकार के व्यक्तित्व होते हैं- एक दिखने वाला और एक काम करने वाला। मोदी भारत को उससे बेहतर बनाने के लिए जुटे हैं, जैसा वह 1000 या 2000 वर्ष पहले था। उन्होंने 2014 तक का लक्ष्य रखा है लेकिन उनके विचार में इससे ज़्यादा वक्त लग सकता है। क्योंकि बहुत सा काम समाज को खुद करना होगा।
उन्होंने कहा कि एक बार वृंदावन के एक संत ने देश के विश्वगुरु बनने के बारे में एक सवाल के जवाब में कहा था कि जब धर्मसत्ता आएगी तभी ऐसा होगा। धर्म के चार आधार हैं -सत्य, करुणा, शुचिता और तप। मोदी के चरित्र को इन गुणों की कसौटी पर देखा जाना चाहिए। उनके कर्मों को भी इसी दृष्टिकोण से देखा जाना चाहिए। उन्होंने नेतृत्व के छह गुणों का उल्लेख किया और कहा कि तौर तरीके, क्षमता एवं कौशल तो सीखने से आ जाते हैं, लेकिन असली चमक अंदर के गुणों से आती है।
उन्होंने कहा कि ये नेतृत्व के पीछे के नेतृत्व वाले गुण हैं, जिनकी वजह से वह देश की आशा की किरण बने। वह स्वार्थ, भय या मजबूरी में नहीं बल्कि देशभक्ति की भावना से काम कर रहे हैं। उनके मन में देश के प्रति करुणा एवं आत्मीयता है लेकिन मोह नहीं है। वह प्रकृति एवं स्वभाव से ऊपर उठकर काम करने का प्रयास कर रहे हैं और उन्हें अपने लक्ष्य एवं कार्यकर्ताओं पर विश्वास है। उन्होंने कहा कि उनका रास्ता टेढ़ा-मेढ़ा हो सकता है, लेकिन लक्ष्य अडिग है और उन्हें नित्य एवं अनित्य का पूरा विवेक है।
कार्यक्रम में केन्द्रीय मंत्री मनोज सिन्हा, अर्जुन राम मेघवाल, विजय सांपला, पुड्डुचेरी की उपराज्यपाल किरण बेदी, सांसद सत्यनारायण जटिया, लक्ष्मीकांत यादव, प्रह्लाद पटेल आदि मौजूद थे। (वार्ता)