केरल में मानसून की दस्तक, कोरोना काल में बरसाती बीमारियां फैलने की आशंका
सोमवार, 1 जून 2020 (15:17 IST)
नई दिल्ली। दक्षिण-पश्चिम मानसून के केरल में दस्तक देने के साथ ही 4 महीने का लंबा बारिश वाला मौसम शुरू हो गया। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि दक्षिण-पश्चिम मानसून ने केरल में दस्तक दे दी। जून से सितंबर तक चलने वाले इस मानसून की वजह से देश में 75 प्रतिशत बारिश होती है।
मौसम का पूर्वानुमान लगाने वाली निजी एजेंसी स्काईमेट ने 30 मई को मानसून आने की घोषणा की थी, लेकिन आईएमडी ने इससे इंकार करते हुए कहा था कि इस तरह की घोषणा के लिए अभी स्थितियां बनी नहीं हैं।
मानसूनी बीमारियों के लिए जारी किए नियम : केरल में सरकार ने मानसून से जुड़ीं बीमारियों से निपटने के लिए बुखार के संबंध में नए नियम जारी किए हैं। राज्य कोविड-19 महामारी के खिलाफ भी अपनी लड़ाई जारी रखे हुए है।
स्वास्थ्य सेवा निदेशालय द्वारा रविवार को अपनी वेबसाइट पर जारी ताजा चिकित्सीय रिपोर्ट के अनुसार 30 मई को बुखार के कम से कम 2,660 मामले आए हैं और पूरे मई में 65,039 बुखार के मामले सामने आए। राज्य सरकार ने मानसून के मौसम में बुखार के मामलों में बढ़ोतरी की आशंका जताई है।
स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सामान्य की तरह ही इस साल भी मानसून में बुखार के मामले बढ़ने की आशंका है। इसके साथ ही डेंगू बुखार, चिकुनगुनिया और लेप्टोस्पाइरोसिस के मामले भी बढ़ सकते हैं। राज्य सरकार कोरोना वायरस से लड़ाई के साथ ही इन बीमारियों से निपटने के लिए नई योजना लेकर आई है।
निदेशालय ने कहा कि 30 मई को डेंगू के 12 मामलों की पुष्टि हुई जबकि पूरे मई में 295 मामले सामने आए हैं। मई में चिकुनगुनिया के कम से कम 7 मामलों की पुष्टि हुई। इसी तरह से राज्य में पिछले महीने लेप्टोस्पाइरोसिस के 83 मामलों की पुष्टि हुई।
राज्य सरकार ने बुखार के संबंध में संशोधित नियम जारी किए हैं और इस सूची में बुखार वाली बीमारियों में कोविड-19 का नाम भी शामिल किया है। इस संशोधित नियम के तहत केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि जो लोग बुखार की शिकायत के साथ अस्पताल आ रहे हैं, उन्हें अस्पताल के प्रवेश द्वार पर ही अलग किया जाए और उनके बैठने की अलग व्यवस्था की जाए।
विजयन ने कहा कि कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई के दौरान बरसात के मौसम में होने वाली बीमारियों पर नियंत्रण करना बेहद जरूरी है। डेंगू, लेप्टोस्पाइरोसिस और एचवनएनवन को रोकने के लिए विशेष ध्यान और देखरेख की जरूरत है जिनमें बुखार मुख्य लक्षणों में से एक है। (भाषा)