नई दिल्ली। वर्ष 2017 में अल नीनो की स्थिति की वजह से भारत में मानसून को लेकर चिंता जताई जा रही है। नोमूरा की एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है, हालांकि इसके साथ ही रिपोर्ट में कहा गया है कि बारिश और फसल पर इसका प्रभाव सिर्फ इस एक घटनाक्रम पर ही निर्भर नहीं करेगा।
नोमुरा इंडिया की प्रमुख अर्थशास्त्री सोनल वर्मा ने एक शोधपत्र में कहा है कि कुल मिलाकर वर्ष 2017 के सामान्य मानसून वर्ष से कमजोर रहने की संभावना इसके सामान्य मानसून वर्ष से बेहतर रहने के मुकाबले ज्यादा लगती है, हालांकि वर्षा और खाद्य उत्पादन पर इसके ठीक ठीक प्रभाव का मामला कई अन्य कारकों पर भी निर्भर करेगा।