मुकेश अंबानी ने स्वच्छ, किफायती ऊर्जा की वकालत की, प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल पर जोर

Webdunia
शनिवार, 27 जून 2020 (00:19 IST)
नई दिल्ली। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के चेयरमैन एवं भारत के सबसे अमीर कारोबारी मुकेश अंबानी ने स्वच्छ व किफायती ऊर्जा की वकालत करते हुए कहा कि बेहतर कार्बन संतुलन के लिए बेहतर प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल जरूरी है।
 
वह वीडियो लिंक के माध्यम से एफआईआई निवेश संस्थान की संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। उन्हें सुनने वालों में दुनिया के सबसे बड़े तेल निर्यातक देश सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री प्रिंस अब्दुलअजीज बिन सलमान अल-सऊद भी शामिल रहे।
 
अंबानी ने कहा कि अभी दक्ष, स्वच्छ व किफायती ऊर्जा उपलब्ध कराने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘जिस तरह से मैं देख रहा हूं कि औद्योगिक क्रांतियों के बीच मानव जाति ने जो प्रगति की है, उसमें हमने कार्बन चक्र को असंतुलित कर दिया है। अब कार्बन के बिगड़े संतुलन को ठीक करने तथा सही कार्बन चक्र को अपनाने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करने का समय आ गया है।’
 
उन्होंने उन प्रौद्योगिकियों की आवश्यकता पर बल दिया, जो कार्बन डाइऑक्साइड को पुन: चक्रित कर सकती हैं। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी का यह बयान इस लिहाज से काफी महत्वपूर्ण हो जाता है कि उनकी कंपनी गुजरात के जामनगर में दुनिया के सबसे बड़े तेल परिशोधन संयंत्र परिसर का संचालन करती है।
 
उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि, हम जहां हैं, अगर हम कागज की एक साफ शीट लेते हैं और ऐसी प्रौद्योगिकियों को अपनाते हैं, जिनसे हम ऊर्जा चक्र को पूरा कर सकें। हम नई प्रौद्योगिकियों, विशेष रूप से जैव रासायनिक प्रकाश संश्लेषण को अमल में ला सकते हैं। कार्बन डाइऑक्साइड को एक बोझ के रूप में मानने के बजाय, हम इसे कच्चा माल बना सकते हैं।’
 
उन्होंने कहा, हमारे लिए यह अनिवार्य नहीं है कि शून्य कार्बन उत्सर्जन पर अमल करें, बल्कि मुझे लगता है कि हमें कार्बन के पुन: चक्रीकरण को अपनाना चाहिए। अंबानी ने कहा कि जो लोग ऊर्जा के कारोबार में हैं, उनके लिए डीकार्बोनाइजेशन (कार्बन उत्सर्जन बंद करना) बड़ा मुद्दा नहीं है, बल्कि शून्य कार्बन उत्सर्जन के लिए सही चक्र को पूरा करना है।
 
अंबानी ने कहा, इस पृथ्वी पर सभी आठ अरब लोगों के लिए ऊर्जा एक आवश्यक आवश्यकता है। ऐसे में कुशल, स्वच्छ और सस्ती ऊर्जा प्रदान करने की आवश्यकता है। हमें ऐसा एक जिम्मेदार तरीके से करना होगा। यह व्यवसाय है। हमें इसे लेकर स्वच्छ और अस्वच्छ के बारे में सोचकर भ्रमित नहीं होना चाहिए।
 
उन्होंने कहा कि कोई भी समाधान सभी के लिए सही नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा, महत्वपूर्ण बात यह भी है कि ऊर्जा को समान रूप से स्वीकृति देना है। इसका मतलब है, हर किसी को सस्ती कीमत पर अपने जीवन की गुणवत्ता बेहतर बनाने के लिए स्वच्छ ऊर्जा की पहुंच उपलब्ध कराना है।
 
अंबानी की कंपनी ने जामनगर में अपने रिफाइनरी संयंत्र में प्रसंस्करण के लिए सऊदी अरब से काफी मात्रा में कच्चा तेल खरीदा है। कंपनी 15 अरब डॉलर में अपने तेल से लेकर रसायन के कारोबार का पांचवां हिस्सा बेचने के लिए बातचीत कर रही है।
 
अंबानी ने कहा, किफायत के आधार पर ऊर्जा की नयी आपूर्ति ग्रह की समृद्धि के लिए है। इन दोनों के बाद ही कंपनियों और शेयरधारकों के लिए समृद्धि हो सकती है, और मुझे लगता है कि हम आज जहां हैं, आने वाले दशकों में हमारे पास कार्बन चक्र को पूरा करने के लिए इन चुनौतियों का सामना करने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं होगा।

सऊदी संप्रभु कोष पीआईएफ ने अंबानी की डिजिटल कंपनी जियो प्लेटफॉर्म्स लिमिटेड में 2.3 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी है। (भाषा)

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