हालांकि मुलायम के पास के पास अब ज्यादा विकल्प नहीं है लेकिन वह अदालत में चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती दे सकते हैं। मुलायम के पास एक विकल्प यह भी है कि अखिलेश को राष्ट्रीय अध्यक्ष मानते हुए संरक्षक की भूमिका स्वीकार कर लें। हालांकि उनके तेवरों को देख ऐसा लगता नहीं है।