भव्य ‘हिन्दू सम्मेलन’ में बड़ी तादात में आए लोगों को बुधवार को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा, 'जो हिन्दुस्तान में रहते हैं और यहां की परम्परा का आदर करते हैं, वे सभी हिन्दू हैं। मुसलमान इबादत से मुस्लिम होंगे, लेकिन राष्ट्रीयता से हिन्दू हैं। ऐसी स्थित में सभी हिन्दुओं के लिए हिन्दुस्तान की जिम्मेदारी है।
उन्होंने कहा, 'दुनिया कहती है कि भारत को विश्व गुरु बनना है। ऐसे में भारत के लिए हम जवाबदेह हैं। हिन्दू को आपसी मतभेद एवं मनभेद भुलाकर संगठित होना जरूरी है। हम सभी को एकजुट होकर निर्बल भाईयों की चिंता करनी होगी।'
भागवत ने कहा कि भले ही हमारी जाति एवं उपजाति अलग हो, पूजा पद्घति अलग हो, भाषा अलग हो, लेकिन हृदय की भाषा एक है। विविधता जीवन की सुंदरता है लेकिन विविधता में भी एकता होनी चाहिए।
भागवत ने बैतूल में आयोजित इस विशाल हिन्दू सम्मेलन में लोगों से तीन संकल्प लेने की अपील की है। उन्होंने लोगों से कहा कि वे संकल्प लें कि हम सब एक हैं और एक दूसरे के साथ भेद का आचरण नहीं करेंगे। इनके साथ ही भागवत ने लोगों से पर्यावरण संरक्षण और देश का गौरव बढ़ाने वाले कामों को करने का संकल्प लेने को कहा। (भाषा)