संविधान पीठ में न्यायमूर्ति गोगोई के अलावा न्यायमूर्ति एसए बोबडे, न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नज़ीर शामिल हैं।
दरअसल सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील राजीव धवन ने कहा कि वह शुक्रवार को बहस से छुट्टी लेंगे, लेकिन न्यायमूर्ति गोगोई ने कहा कि क्या यह संभव है कि शुक्रवार को कोई अन्य पक्ष बहस कर ले, ताकि समय का सदुपयोग हो जाए। इस पर धवन ने कहा कि वह नहीं चाहते कि बहस की उनकी निरंतरता खराब हो।
इससे पहले धवन ने अल्लामा इक़बाल का एक शेर पढ़ा - 'है राम के वजूद पे हिन्दोस्तां को नाज़, अहल-ए-नज़र समझते हैं उसको इमाम-ए-हिंद'। उन्होंने कहा कि भगवान राम की पवित्रता पर कोई विवाद नहीं है। इसमें भी विवाद नहीं है कि भगवान राम का जन्म अयोध्या में कहीं हुआ था, लेकिन इस तरह की पवित्रता स्थान को एक न्यायिक व्यक्ति में बदलने के लिए पर्याप्त कब होगी?