Panic due to mysterious sound in Wayanad: केरल के भूस्खलन प्रभावित वायनाड जिले में विभिन्न स्थानों पर शुक्रवार की सुबह लोगों ने जमीन के नीचे से तेज आवाज सुनने की सूचना दी, जिससे स्थानीय लोगों और अधिकारियों में दहशत फैल गई। भूस्खलन प्रभावित आवासीय क्षेत्र से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।
अधिकारियों ने बताया कि अंबालावायल गांव और व्यथिरी तालुक के कुछ इलाकों में तेज ध्वनि सुनाई दी। वायनाड जिलाधिकारी डीआर मेघश्री ने एक बयान में कहा कि जिला प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने के लिए कदम उठाए हैं। ALSO READ: वायनाड की विनाश लीला, मलबे में बह गए लोग, देखती रह गई बेबस पुलिस
केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (KSDMA) ने कहा कि वह भूकंपीय रिकॉर्ड की जांच कर रहा है और स्थानीय स्तर पर जांच कर स्थिति का पता लगाया जा रहा है। उसने कहा कि अभी तक भूकंपीय रिकॉर्ड में हलचल का किसी प्रकार का संकेत नहीं मिला है। पंचायत वार्ड के एक सदस्य ने एक टीवी चैनल से कहा कि यह आवाज सुबह करीब 10:15 बजे सुनी गई। ALSO READ: चलियार नदी सुना रही है वायनाड में तबाही की खौफनाक कहानी, 40 KM तक बहे शव
पहाड़ी जिले में हाल ही में हुए भीषण भूस्खलन में 226 लोगों की मौत और कई लोगों के लापता होने के तुरंत बाद जमीन के नीचे से उत्पन्न रहस्यमयी ध्वनि से स्थानीय लोगों में दहशत फैल गई। अधिकारियों ने बताया कि प्रभावित क्षेत्रों के विद्यालयों में अवकाश घोषित कर दिया गया है। ALSO READ: जहां गो माता की हत्या होगी, वहां आपदा आएगी, वायनाड लैंडस्लाइड पर BJP के पूर्व विधायक का बयान
लापता लोगों के लिए तलाशी अभियान : भूस्खलन की घटनाओं में लापता हुए लोगों की तलाश में शुक्रवार को 11वें दिन व्यापक तलाश अभियान शुरू किया गया। खोज दल में घटनास्थल से सुरक्षित बचाए गए लोग और पीड़ितों के रिश्तेदार भी शामिल हैं। राज्य सरकार के अनुसार, वायनाड के मुंडक्कई और चूरलमाला गांव में हुई भूस्खलन की घटनाओं में अब भी 131 लोग लापता हैं।
अधिकारियों ने बताया कि भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र में पहले दिन भर तलाश अभियान चलाने का फैसला किया गया था, लेकिन अब इसकी अवधि कम की जाएगी क्योंकि शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी घटनास्थल के दौरे पर आ रहे हैं, इसलिए विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) इसे अपने नियंत्रण में ले लेगा।
अधिकारियों ने बचावकर्मियों को स्थानों और ठिकानों की पहचान में मदद करने के वास्ते प्रत्येक राहत शिविर से 4 सदस्यों को बुलाया है। सरकार ने भूस्खलन प्रभावित इलाकों में मलबा हटाने के लिए उत्खनन मशीनों और अन्य उपकरणों की व्यवस्था की है और सैकड़ों बचावकर्मी इस अभियान में लगे हैं। (एजेंसी/वेबदुनिया)