एनडीए महाराष्ट्र में जीत के बाद पीएम नरेंद्र मोदी जोश में नजर आ रहे हैं। उन्होंने शीत सत्र की शुरुआत के पहले कांग्रेस को खरी खरी सुना डाली। दरअसल, सत्र शुरू होने से पहले परंपरा के तहत मीडिया को संबोधित करते हुए पीएम मोदी के पहले ही शब्द विपक्ष की करारी हार के बाद से पस्त विपक्ष पर कटाक्ष थे।
मोदी ने विपक्षी सांसदों को हंगामे और संसद की कार्रवाई न चलने देने को लेकर आईना दिखाया। उन्होंने कहा कि जनता सबकुछ देखती है और इसकी सजा भी देती है। उन्होंने संसद में विपक्षी सांसदों से स्वस्थ चर्चा में हिस्सा लेने की अपील की। मोदी ने विपक्षी सांसदों को सुनाते हुए कहा, 'कुछ मुट्ठीभर लोगों के हुड़दंगबाजी के जरिए संसद को कंट्रोल करने का लगातार प्रयास किया जाता रहा है।
ऐसे लोगों को जनता ने भी अस्वीकार किया है' हालांकि विपक्षी सांसदों पर पीएम मोदी की इस अपील का असर नहीं दिखा और संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन का पहला घंटा हंगामे की भेंट चढ़ गया। जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई कांग्रेस और समाजवादी पार्टी समेत विपक्षी सांसद संभल बवाल पर चर्चा की मांग करने लगे। हंगामा बढ़ने पर सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी।
उन्होंने कहा कि शीतकालीन सत्र है, माहौल भी शीत ही रहेगा। 2024 का अंतिम कालखंड चल रहा है। देश पूरे उमंग और उत्साह के साथ 2025 के स्वागत की तैयारी में लगा है संसद का यह सत्र अनेक प्रकार से विशेष है। सबसे बड़ी बात यह है कि हमारा संविधान 75वें साल में प्रवेश कर रहा है। यह लोकतंत्र के लिए बहुत उज्ज्वल अवसर है। कल संविधान सदन में सब मिलकर संविधान के 75वें वर्ष और उसके उत्सव की मिलकर शुरुआत करेंगे।
मुट्ठी भर लोग संसद में करते हैं हुड़दंगबाजी : विपक्ष वक्फ बोर्ड और मणिपुर के मुद्दे पर सरकार को घेरने की तैयारी कर रही है। लेकिन पीएम मोदी ने पहले ही कह दिया है कि विपक्ष को अपने दायित्वों को समझते हुए उसी के अनुरूप व्यवहार करना चाहिए। सदन का समय बर्बाद नहीं करना चाहिए। पीएम मोदी ने कहा है कि संसद में स्वस्थ चर्चा हो, ज्यादा से ज्यादा लोग चर्चा में अपना योगदान दें।
Edited By: Navin Rangiyal