Narayan Sakar Hari alias Bhole Baba : 17 साल पहले गुप्तचर विभाग में सिपाही के पद पर सूरजपाल नाम से तैनात रहे और वर्तमान में नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा के नाम से जाने वाले बाबा की 100 करोड़ से अधिक की संपत्ति होने का दावा किया जा रहा है। माना जा रहा है कि बाबा के नाम पर आधुनिक परिधान पहने वाले इस भोले बाबा ने वेस्ट यूपी में 24 आश्रम बनवाए हुए हैं। इन आश्रमों में वे अपने भक्तों से मुलाकात करता था। बाबा के यह आश्रम सभी सुविधाओं से लैस है और भोले बाबा के लिए विशेष रूप से अलग कमरे आश्रम में रिजर्व रहते हैं। भोले बाबा के कुछ आश्रमों की पड़ताल से आपको भी रूबरू कराते हैं।
मैनपुरी में भोले बाबा का एक आश्रम बना हुआ है। यह वही आश्रम है जहां बाबा भगदड़ के बाद प्रवास के लिए पहुंचे थे और अब गायब हो गए, पुलिस उनकी तलाश कर रही है।
बाबा के फाइव स्टार होटल : मैनपुरी आश्रम को लेकर कुछ सनसनीखेज बाते सामने आई है। भोले बाबा का यह आश्रम 5 स्टार होटल की तर्ज पर 21 बीघा जमीन में बना है, यह जमीन भोले बाबा को कुछ साल पहले उपहार स्वरूप मिली थी। आश्रम के 6 कमरे भोले बाबा के हैं, जिनमें वे खुद रहते है, जबकि अन्य 6 कमरे उनके सेवादारों और कमेटी सदस्यों के लिए हैं। बाबा के आश्रम में 80 सेवादार है, जो आश्रम की देखरेख और सुरक्षा करते है। बाबा का यह आश्रम लगभग 4 करोड़ का है, 21 बीघा के इस आश्रम के अंदर छायादार और रसीले फल के वृक्ष भी देखने को मिलेंगे।
कैसा चलता है बाबा का काफिला : बात करें बाबा के रसूख की तो यह फार्च्यूनर गाड़ी से चलते हैं और इनके काफिले के अंदर दो दर्जन से अधिक लग्जरी गाड़ियां शामिल हैं। पश्चिमी उत्तरप्रदेश के नोएडा में भी नारायण साकार उर्फ भोले बाबा का आश्रम मौजूद है। नोएडा के सेक्टर 87 इलाबांस गांव में नारायण साकार बाबा का आलीशान आश्रम मौजूद है। आश्रम की भव्यता का अंदाजा मुख्य गेट को देखकर लगाया जा सकता है।
अडिग है बाबा के भक्तों की आस्था : आश्रम के सेवादारों का कहना है कि बाबा लंबे समय से यहां आए नहीं हैं। हालांकि ग्रेटर नोएडा में 2022 में सद्भावना समागत का पोस्टर आज भी चस्पा है। हाथरस हादसे के बाद सुर्खियों में आए भोले बाबा का आगरा में भी एक आश्रम बना हुआ है। आगरा में हाथरस हादसे के बाद भी लोगों की आस्था भोले बाबा से डगमगाती नजर नहीं आ रही है। आश्रम बंद होने के बाद भी उनके अनुयायियों का आश्रम में आना जारी है, वह बाबा के आश्रम की चौखट पर माथा टेककर खुद को धन्य मान रहे हैं।
हादसे पर क्या बोले : कथित बाबा के भक्तों का कहना है कि हादसे का भोले बाबा से कोई लेना देना नही है, बाबा के निकल जाने के बाद घटना घटित हुई है। कानपुर में नारायण साकार हरि बाबा का आश्रम बिधून इलाके के करसुई में बना हुआ है। यह आश्रम 14 बीघे जमीन पर स्थित है और इस आश्रम की ख्याति दूर-दूर तक फैली है। 14 बीघे जमीन में से 3 बीघे में भवन बना हुआ है।
वीआईपी मेहमानों को विशेष सुविधा : वीआईपी मेहमानों के लिए विशेष प्रबंध की व्यवस्था की जाती है। इस आश्रम की सुरक्षा और देखरेख का जिम्मा 10 सेवादारों पर है। स्थानीय ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि बाबा के इस आश्रम में पुलिसकर्मियों की विशेष आवभगत होती है, जिसे चलते आश्रम के पास खेत है, जहां उनको आने से रोका जाता है।
संभल में आलीशान आश्रम : संभल जिले में आश्रम भोले बाबा प्रवास कुटिया के नाम बाबा का आलीशान आश्रम है। चंदौसी तहसील के सराय सिकंदर गांव में 12 साल पहले इस आश्रम का निर्माण हुआ था। वर्ष 2013 में बाबा ने इस आश्रम 1 माह का, वर्ष 2015 में 8 दिन का प्रवास किया था। कई वर्षों से बाबा संभल आश्रम में आए नहीं हैं। सेवादार आश्रम की देख-रेख कर रहे हैं। आश्रम में अनुयायियों द्वारा आने वाले भक्तों के भोजन, पानी का वितरण चलता रहता है।
भोले बाबा के 24 आश्रमों की बात सामने आने से लोग हतप्रभ है, अंधभक्तों को छोड़कर लोगों का कहना है कग हाथरस हादसे से पहले भोले बाबा का नाम सुना ही नहीं था। अचानक से उनके साम्राज्य की जड़ों की जानकारी मिलते ही कान खड़े हो गए हैं। भोले बाबा का कहना है कि वह प्रसाद और चढ़ावा नहीं लेते।
कहां से आ रहा है पैसा : यदि यह बात सच है तो पैसा कहां से आ रहा है। वही दान की जमीन को भोले बाबा किस श्रेणी में रखते हैं? गांव-शहरों में उनकी समितियां काम कर रही हैं जो भव्य समागमों के लिए सहायता लेती है, क्या यह बाबा के लिए चढ़ावा नही है। अभी यूपी में भोले बाबा के 24 आश्रमों की बात कहीं जख रही है, उनके अनुयायी हरियाणा, उत्तराखंड, मध्यप्रदेश और राजस्थान तक फैले हैं। हो सकता है कि कुछ समय बाद इन राज्यों में भी आश्रम की जानकारी उपलब्ध हो जाए।