राष्ट्र प्रमुखों को दिल्ली के बाहर भी यात्रा करनी चाहिए : मोदी

मंगलवार, 16 सितम्बर 2014 (21:40 IST)
अहमदाबाद। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि दौरे पर आने वाले राष्ट्र प्रमुखों को नई दिल्ली के बाहर भी यात्रा करनी चाहिए तथा देश की विविधता को बेहतर ढंग से समझने के लिए भारत के छोटे शहरों को देखना चाहिए।
प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार दिल्ली से गुजरात यात्रा पर आए मोदी ने यहां पहुंचने के पश्चात कहा, विभिन्न देशों के नेता यदि (भारत के) छोटे स्थानों पर जाते हैं, यह बेहतर होगा। केवल दिल्ली आने से वे भारत को समझ नहीं सकते क्योंकि यह देश विविधताओं से भरपूर है। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग कल गुजरात से अपनी भारत यात्रा का शुभारंभ करेंगे और मोदी उनकी अगवानी के लिए यहां आए हैं।
 
उन्होंने सरदार वल्लभभाई पटेल हवाई अड्डे पर कहा, आने वाले दिनों में गुजरात विकास की नई ऊंचाइयों को छुएगा..मुझे भरोसा है कि आम आदमी की आकांक्षाएं पूरी होंगी। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि गुजरात का नेतृत्व करने (मुख्यमंत्री के रूप में) के अनुभव से उन्हें केन्द्र में सरकार चलाने में मदद मिली।  
 
मोदी ने कहा गुजरात का चौदह साल का अनुभव, जो चीजें मैंने यहां सीखी हैं, संगठनात्मक सहयोग से जो ताकत मुझे मिली, उसने दिल्ली में सरकार चलाने में मेरी मदद की। उन्होंने यह भी कहा यदि कोई अन्य आम आदमी होता तो वह चकरा जाता लेकिन मुझे यहां ऐसे अनुभव मिले कि मैं नई स्थिति एवं माहौल में आसानी से काम कर सकता हूं। 
 
प्रधानमंत्री ने कहा थोड़े से समय में मुझे देश के समक्ष उपस्थित मूलभूत मुद्दों, विभिन्न हिस्सों में रहने वाले लोगों की स्थितियों एवं राज्यों से जुड़े मुद्दों को समझना एवं समाधान करना है। मैंने देश को आगे ले जाने का प्रयास किया और मैं अपने प्रयासों से संतुष्ट हूं। 
 
उन्होंने कहा, जिस तरह से मैं आगे की सोच रखता हूं, यह स्पष्ट है कि देश के 125 करोड़ लोग राष्ट्र का भाग्य बदलने के लिए तेज गति और विश्वास के साथ कोई प्रयास नहीं छोड़ेंगे। 
 
हवाई अड्डे पर अपने स्वागत की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, सार्वजनिक जीवन में स्वागत करना नई बात नहीं है लेकिन इनमें से कुछ आपके दिल को छू जाते हैं। जनरल के एम करिप्पा ने सेना प्रमुख के रूप में अपने गृह नगर में अपने स्वागत समारोह में दिए भाषण में कहा था कि अपने ही लोगों द्वारा सम्मानित किए जाने से विशेष खुशी मिलती है। 
 
उन्होंने कहा, मेरे मामले में भी, ऐसे मित्र जिनके साथ मैंने काम किया, वह भूमि जहां मैं बड़ा हुआ, वे जब मेरा सम्मान करते हैं तो यह मेरे दिल को छू जाता है। आपका प्रेम एवं भावनाएं मेरे लिए अमूल्य हैं। (भाषा)

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