बोर्ड सदस्य कमाल फारूकी ने कहा, प्रधानमंत्री के साथ मुलाकात आज के एजेंडा का हिस्सा नहीं है। बोर्ड इस बारे में फैसला करेगा, लेकिन मुझे लगता है कि यह अभी उनसे मिलने का सही समय नहीं है। अभी उसकी कोई जरूरत नहीं है और जब जरूरत पैदा होगी अब उसके अनुरूप निर्णय करेंगे।
उन्होंने कहा, हम इस बात को लेकर बेताब नहीं है कि बोर्ड की मोदी से बैठक होनी चाहिए और यह अभी कोई विवाद का मुद्दा भी नहीं है। फारूकी ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि प्रधानमंत्री कुछ कहना चाहते हैं लेकिन उसे वे कह नहीं पा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अभी और हालात बिगड़ने दिए जाना चाहिए ताकि लोग आपस में चर्चा करें और चीख पडें कि क्या हमने इसलिए (आरएसएस का एजेंडा लागू करने के लिए) वोट दिया था। दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, मोदी साहब जिस एजेंडे पर वोट लेकर आए थे, वो तो पीछे छूट गया। (भाषा)