नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम के बारे में आप सदस्य भगवंत मान की टिप्पणी को कार्यवाही से हटाने के लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन के निर्णय पर कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने कड़ा प्रतिवाद किया जिस पर उन्होंने अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का आश्वासन दिया।
उन्होंने कहा कि विपक्षी सदस्यों को प्रधानमंत्री के खिलाफ बोलने का अधिकार है क्योंकि वह सरकार चला रहे हैं और सदन के नेता हैं। क्या प्रधानमंत्री ‘मन की बात’ नहीं करते हैं? सोनिया गांधी को अपनी पार्टी के सदस्यों से इस विषय को उठाने का संकेत देते देखा गया। केसी वेणुगोपाल, दीपेन्द्र हुड्डा, सौगत राय आदि ने इस विषय को जोरदार ढंग से उठाया साथ ही आप सदस्यों ने भी इसका प्रतिरोध किया।