पीएम मोदी ने किया पर्यावरण प्रदूषण के प्रति सचेत

सोमवार, 21 दिसंबर 2015 (17:46 IST)
नई दिल्ली। पर्यावरण प्रदूषण के नकारात्मक प्रभावों के प्रति सचेत करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि मानवता इस समय इस महत्वपूर्ण चुनौती से जूझ रही है और पर्यावरण संरक्षण के लिए सौर ऊर्जा का उपयोग करने की जरूरत है।
प्रधानमंत्री ने कहा, पर्यावरण के बारे में लंबे समय से चर्चा चल रही है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में सामान्य मानव जीवन पर इसके नकारात्मक प्रभाव महसूस किए जा रहे हैं। इसके कारण पर्यावरण चिंता का विषय बन गया है। मानवता के समक्ष इसका समाधन प्राप्त करना एक चुनौती है। 
 
सांसदों को संसद लाने-ले-जाने के लिए लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन को भेंट की गई बिजली चालित बस को हरी झंडी दिखाते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पेरिस में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने वाले देशों की ओर से कई महत्वपूर्ण पहल की गई हैं और भारत इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
 
मोदी ने कहा, सूर्य के प्रकाश से 122 देश साल में 300 दिनों से अधिक समय तक लाभ उठाते हैं। भारत की पहल पर ऐसे राष्ट्रों का एक समूह बना है। इसका मुख्यालय भारत में होगा। उन्होंने कहा कि ये देश सौर ऊर्जा का उपयोग करने की दिशा में काम करेंगे। 
 
पेरिस में सीओपी 21 शिखर सम्मेलन का जिक्र करते हुए मोदी ने भारत, अमेरिका एवं फ्रांस की ओर से संयुक्त रूप से पेश मिशन नवोन्मेष का उल्लेख किया जिसे बिल एवं मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के सहयोग से बढ़ाया गया है। 
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि हरित प्रौद्योगिकी के संदर्भ में जिन देशों में प्रचुर मात्रा में सूर्य की रोशनी आती है, उनके बीच अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन किया जाएगा।
 
उन्होंने कहा कि पेरिस में विश्व नेताओं ने जीवाश्म मुक्त ईंधन ऊर्जा के क्षेत्र में नवोन्मेष पर काम करने की बात कही। भारत, अमेरिका एवं फ्रांस ने यह पहल की है और इसके साथ बिल एवं मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन जुड़े हैं। इसके सकारात्मक परिणाम आएंगे।
 
प्रदूषण मुक्त बस पेश करने की पहल पर सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी की प्रशंसा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह प्रौद्योगिकी सार्वजनिक परिवहन के क्षेत्र में भी उपयोग की जा सकती है। 
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसी प्रौद्योगिकी प्रदूषण को काफी हद तक कम करने में सहयोग कर सकती है, साथ ही युवाओं को इस क्षेत्र में अनुसंधान करने और बैटरी तैयार करने को भी प्रोत्साहित कर सकती है। उन्होंने कहा कि इससे सांसदों को लाभ होगा। नई पीढ़ी आगे आएगी और स्टार्ट अप और स्टैंड अप इंडिया से जुड़ेगी।
 
मोदी ने कहा कि बैटरी के जीवनकाल को बढ़ाने के लिए शोध किए जाने की जरूरत है और मेक इन इंडिया के तहत इस पहल से न केवल देश को, बल्कि दुनिया को फायदा होगा। इस दौरान पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर भी मौजूद थे। (भाषा) 

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