मोदी के इस ऐलान से राजनीतिक पार्टियों को लग सकता है झटका

सोमवार, 19 दिसंबर 2016 (16:17 IST)
कानपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे का हिसाब-किताब सार्वजनिक किए जाने पर जोर देते हुए आज कहा कि इस कदम से देश में व्याप्त भ्रष्टाचार और कालेधन के खिलाफ मुहिम को और तेज करने में मदद मिलेगी।
मोदी ने आज यहां परिवर्तन रैली को संबोधित करते हुए कहा कि चंदे का ब्योरा उजागर करने संबंधी चुनाव आयोग की पहल स्वागत योग्य है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) आयोग के इस कदम का अभिनंदन करती है। चुनाव आयोग की इस कदम को मूर्तरूप देने में उनकी सरकार भरपूर मदद करेगी।
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि संसद में सर्वदलीय बैठक में उन्होने कहा था कि देश ईमानदारी की ओर बढना चाहता है। राजनीतिक दलों की भी जिम्मेदारी है कि जनता को इस बाबत विश्वास दिलाएं। संसद में खुलकर चर्चा करें। राजनीतिक दलों को चंदा कैसे मिले, इस पर बहस हो। जनता की आकांक्षाओं को देखते हुए सदन में इस पर चर्चा करा कर रास्ता निकालें।
 
उन्होने कहा कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भी चुनाव पर अनाप-शनाप खर्च को कम करने की अपील की थी। श्री मुखर्जी ने कहा था कि लोकसभा और विधानसभा के चुनाव अलग अलग होने से बोझ पडता है। कालेधन का प्रभाव बढता है। वह भी श्री मुखर्जी की तरह चाहते हैं कि आएदिन होने वाले चुनाव बंद हों। राज्य विधानसभाओं और लोकसभा का चुनाव साथ साथ हो। आएदिन होने वाले चुनाव से गांव में तनाव बढता है।
 
मोदी ने कहा कि एक तरफ हम देश को भ्रष्टाचार और कालेधन से मुक्त कराने की लड़ाई लड़ रहे हैं जबकि उनका एजेंडा संसद बंद कराने का है। पूरे महीने संसद नही चलने दी। संसद में चर्चा क्यों नहीं होने दी। राष्ट्रपति के कहने के बावजूद संसद की कार्यवाही लोग बाधित करते रहे। सरकार जिस पर बहस चाहती थी, वे उससे भाग रहे थे क्योंकि उन्हे हिसाब किताब देना पड़ रहा था। 
 
उन्होंने कहा कि वे मान रहे थे कि संसद में हो-हल्ला करो। स्पीकर पर कागज फेंको ताकि कार्यवाही न चले और वे हिसाब किताब देने से बचे रहें। नगर पालिकाओं में भी चुनकर आने वाले लोग ऐसा आचरण नहीं करते। संसद की गरिमा को अपने राजनीतिक स्वार्थ में चोट पहुंचाने की कोशिश की गई। 
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि संसद में पहले भी रुकावटें आती थीं, लेकिन तब विरोधी दल घोटाले उजागर करते थे। मांग करते थे कि घोटालेबाज जेल जाएं लेकिन पहली बार बेईमानों की मदद के लिए लोग आगे आए हैं। सरकार बेईमानों को ठिकाने लगाने में लगी है, दूसरी ओर बेईमानों को बचाने की कोशिश की जा रही है। इसीलिए चर्चा में भाग नही लिया।
  
इसके पहले मोदी ने कानपुर में खुलने वाले भारतीय कौशल संस्थान (आइआइएस) के भवन का शिलान्यास किया। इस संस्थान में युवाओं को प्रशिक्षण देकर कुशल बनाया जाएगा। रेल राज्यमंत्री ने बताया कि वाराणसी समेत लखनऊ मंडल के 19 स्टेशनों पर पानी की 55 वेंडिंग मशीनें स्थापित की गई हैं जिससे यात्रियों को बेहद कम कीमत पर शुद्ध पानी उपलब्ध होगा। उन्होंने बताया कि वाराणसी रेलवे स्टेशन भवन के विस्तार पर दो करोड़ 32 लाख रुपए लागत का अनुमान है। इस काम को जल्द से जल्द पूरा करने की कोशिश की जाएगी।
 
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वाराणसी रेलवे स्टेशन पर सौर ऊर्जा संयंत्र और पूरी तरह से एलईडी प्रकाश व्यवस्था होने के कारण रेलवे को यात्रियों को पहले से अधिक सुविधा होगी और रेलवे पर बिजली खर्च के रुप में पड़ने वाला आर्थिक बोझ कुछ कम होगा।
 
समारोह में वाराणसी के महापौर रामगोपाल मोहले, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के काशी क्षेत्र के अध्यक्ष एवं विधान पार्षद लक्ष्मण आचार्य, विधायक श्यामदेव राय चौधरी, विधायक रवींद्र जायसवाल, डॉ. ज्योत्सना श्रीवास्तव एवं रेलवे के अनेक वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। (वार्ता) 

वेबदुनिया पर पढ़ें