प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में होने वाले फेरबदल होना अब तय हो गया है। मंगलवार 5 जुलाई को 11 बजे राष्ट्रपति भवन में नए मंत्री शपथ ग्रहण करेंगे। राष्ट्रपति भवन को इसकी आधिकारिक सूचना दे दी गई है। कुछ नए चेहरे इसमें शामिल हो सकते हैं तो कुछ का ओहदा और बढ़ाया जा सकता है। ऐसी अटकलें भी हैं कि खराब प्रदर्शन के कारण कुछ मौजूदा मंत्रियों की विदाई भी हो सकती है।
मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा के लिए 30 जून को प्रधानमंत्री ने बैठक भी बुलाई थी। दरअसल प्रधानमंत्री 7 जुलाई को अफ्रीकी देशों की यात्रा पर रवाना होंगे, इसलिए मंत्रिमंडल में फेरबदल कल किया जाएगा। इसके पीछे मुख्य वजह कई राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनाव माने जा रहे हैं। इस बार आने वाले राज्यों में चुनाव को देखकर कुछ चेहरे यूपी और पंजाब से शामिल किये जा सकते हैं।
ये हो सकते हैं सभावित मंत्री : सूत्रों के अनुसार 10-12 सांसदों को मंत्री बनाया जा सकता है। इनमें महाराष्ट्र से शिवसेना के अनिल देसाई, आरपीआई के रामदास अठावले, बीजेपी से विनय सहस्त्रबुद्धे के नाम शामिल हैं। वहीं उत्तर प्रदेश से अपना दल की अनुप्रिया पटेल, सहारनपुर से बीजेपी सांसद राघव लखनपाल, राजस्थान से अर्जुन मेघवाल, गुजरात से पुरुषोत्तम रुपाला, दार्जिलिंग से सांसद एसएस अहलूवालिया और उत्तराखंड से अजय टम्टा को मंत्रिपद मिल सकता है। आज शाम अमित शाह संभावित मंत्रियों से चाय पर मुलाकात कर सकते हैं, प्रधानमंत्री के मुलाकात का कार्यक्रम अभी तय नहीं है।
इनकी हो सकती है छुट्टी : ऐसा अनुमान है कि 75 साल से ज्यादा की आयु वाले मंत्रियों की विदाई की जा सकती है। हालांकि 75 साल से ज्यादा उम्र वालों को कैबिनेट में शामिल नहीं करने का पार्टी में कोई आधिकारिक या औपचारिक फार्मूला नहीं है, लेकिन सूत्रों की माने तो केंद्र में भी एमपी की तर्ज़ पर इसे अपनाया जा सकता है। ऐसे में मंत्रिपरिषद में शामिल नजमा हेपतुल्लाह और कलराज मिश्र जैसे वरिष्ठ नेताओं की छुट्टी तय है।
मंत्रिमंडल में पिछला फेरबदल नवंबर 2014 में किया था जब सुरेश प्रभु को रेल मंत्री और मनोहर पर्रिकर को रक्षा मंत्री के तौर पर इसमें शामिल किया गया था। गौरतलब है कि फिलहाल केन्द्रीय मंत्रिपरिषद में प्रधानमंत्री को मिलाकर 64 मंत्री हैं। इसमें 27 कैबिनेट स्तर के, 12 स्वतंत्र प्रभार वाले और 25 राज्य मंत्री हैं।