कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की प्रमुख ममता बनर्जी ने भाजपा के आरोपों पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भ्रष्टाचार के ‘पितामह’ हैं।
बनर्जी ने कहा कि मोदी भ्रष्टाचार के पितामह हैं। हमने यूनाइटेड इंडिया रैली आयोजित की थी। क्या उनके पास कोई दोस्त बचा है? वे अपने फैशन में व्यस्त हैं। वे अपने भाषणों को टेलीप्रोम्पटर की मदद से पढ़ते हैं। वे किसी लायक नहीं हैं। उन्होंने काले धन को वापस लाने का वादा किया था। 15 लाख रुपए देने के उनके वादे का क्या हुआ?”
टीएमसी सुप्रीमो ने आरोप लगाया कि नोटबंदी एक बड़ा घोटाला था। जन-धन बड़ा घोटाला है। राफेल बड़ा घोटाला है। भाजपा बच्चों के अवैध व्यापार और गैस डीलरशिप घोटाले में भी शामिल है।
उन्होंने कहा कि हमें अभी दो और वर्ष सत्ता में रहना है। उन्हें (भाजपा नीत सरकार को) बाहर जाना है। वे (भाजपा) बंगाल में रैलियों को संबोधित करने के लिए पूरे देशभर से नेताओं को ला रही है। उन्होंने यदि इस पर होने वाले खर्च का एक भी हिस्सा बंगाल को दिया होता, तो लोगों को इसका लाभ मिलता।
उन्होंने कहा कि हम दो रुपए प्रति किलोग्राम में चावल उपलब्ध कराते हैं। हमारे पास कन्याश्री जैसी योजनाएं हैं, सबूज साथी, समाबाती, बैतरनी और कई अन्य योजनाएं भी हैं।
बनर्जी ने कहा कि मोदी सरकार के जाने का समय निश्चित हो चुका है। उन्होंने कहा कि मोदी-सरकार ने सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो), आईटी (आयकर) और ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) की मदद से अपने पांच वर्षों के शासन काल में दंगे करवाए और लोगों को मरवा डाला।
टीएमसी प्रमुख ने कहा कि केंद्र सरकार ने नोटबंदी और जीएसटी का जल्दबाजी में क्रियान्वयन करके अर्थव्यवस्था को नष्ट कर दिया। यह फासीवादी सरकार है। उसके पास कोई शिष्टाचार नहीं है। वे नहीं जानते कि प्रधानमंत्री को किस तरीके से बोलना चाहिए। जल्द ही उनका अहंकार खत्म हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि उनका राजनीतिक जीवन गोधरा दंगों के साथ शुरू हुआ। हरेन पांड्या का क्या हुआ? 2002 के दंगों के पीड़ितों को न्याय नहीं मिला। उसमें (मोदी में) मानवता एवं करुणा का अभाव है। मुझे शर्म आती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चूंकि उनसे (मोदी से) सीबीआई ने पूछताछ की तो क्या सभी से पूछताछ होनी चाहिए। दंगों में उनकी (मोदी) की भूमिका ज्ञात तथ्य है और उनसे इसीलिए पूछताछ भी की गई।
उन्होंने कहा कि वे चाहते हैं कि हम नागरिकता विधेयक पारित करें। वे बंगालियों को बाहर निकाल रहे हैं। बिहारियों और नेपालियों को भी सताया जा रहा है। लगभग 22 लाख बंगालियों को एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर) से अब तक बाहर कर दिया गया है। हम उन्हें लोगों को उकसाने और दंगे भड़काने की अनुमति नहीं देंगे। हम पूर्वोत्तर राज्यों को जलने नहीं देंगे। हम सांप्रदायिक हिंसा की अनुमति नहीं देंगे। उन्हें नागरिकता संशोधन विधेयक वापस लेना होगा।