मोदी गुरुवार को यहां 'बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं' अभियान के देशव्यापी विस्तारीकरण एवं राष्ट्रीय पोषण मिशन का लोकार्पण कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सामाजिक कुरीतियों एवं अज्ञानता के कारण बेटियों को जन्म से पहले ही मार दिया जाता है, जो भारत की सांस्कृतिक परम्पराओं के खिलाफ है।
उन्होंने लोगों से बेटी और बेटे के प्रति समानता का व्यवहार करने का आग्रह करते हुए कहा कि वर्तमान में बेटियां परिवार के बुजुर्गों के संरक्षण में महती भूमिका निभा रही हैं, वहीं हर क्षेत्र के उच्च स्तरों पर अग्रणी दक्षता हासिल कर देश का गौरव और मान बढ़ा रही हैं। मोदी ने देश की भावी पीढ़ी को मजबूत बनाने के लिए शुरू किए गए राष्ट्रीय पोषण मिशन की चर्चा करते हुए कहा कि इसको जन आन्दोलन का रूप दिया जाए।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय पोषण मिशन में केवल पोषण ही पर्याप्त ही नहीं है, बल्कि उनमें स्वच्छता, स्वास्थ्य में सुधार के लिए आवश्यक कदम उठाने होंगे। उन्होंने राज्य सरकारों से भी आग्रह किया कि 2022 तक देश को कुपोषण से मुक्त कराने के लिए उचित कार्यवाही करें। (वार्ता)