कांग्रेस प्रवक्ता वीरप्पा मोइली ने कहा कि नोटबंदी से न सिर्फ नकदी की समस्या पैदा हो गई है बल्कि लाखों लोगों के लिए रोजगार का संकट खड़ा हो गया है। सरकार ने बिना तैयारी के नोटबंदी का कदम उठाकर देश को संकट में किस वजह से धकेला है, इसका जवाब किसी के पास नहीं है।
उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद सरकार ने सहकारी बैंक तथा सहकारिता संस्थानों को नोट बदलने की प्रक्रिया से बाहर करके ग्रामीणों और किसानों पर सीधा प्रहार किया है। उनका कहना था कि गांव की 80 प्रतिशत अर्थव्यवस्था इन बैंकों तथा संस्थाओं के जरिए चलती है और प्रधानमंत्री ने इन्हीं संस्थाओं पर चोट करके गरीब, किसान, मजदूर तथा छोटे कारोबारियों को नुकसान पहुंचाया है।
प्रवक्ता ने कहा कि नोटबंदी के फैसले अन्य देशों में भी हुए हैं, लेकिन हमारे यहां सरकार के इस फैसले से कई तरह के आर्थिक संकट खड़े हो गए हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका में 1929 में आर्थिक मंदी का जो माहौल पैदा हुआ था उससे उबरने में वहां की अर्थव्यवस्था को दशकों लग गए थे। मोइली ने कहा कि देश में नोटबंदी के कारण आर्थिक, रोजगार तथा अन्य स्तर पर कई तरह के संकट खड़े हो रहे हैं । (वार्ता)