कालेधन ने राष्ट्र को बर्बाद किया है, इसके खिलाफ लड़िए : मोदी

गुरुवार, 12 जनवरी 2017 (21:08 IST)
रोहतक। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने काला धन से देश के बर्बाद होने की दलील देते हुए गुरुवार युवाओं से संपर्क साधने की कोशिश की। उन्होंने उनसे कालाधन के साथ-साथ जातिगत भेदभाव, छूआछूत तथा महिलाओं की प्रताड़ना जैसी समस्याओं से लड़ने को कहा।
 
समाज के विभिन्न क्षेत्रों में युवाओं के योगदान की सराहना करते हुए उन्होंने नई  सोच की हिमायत की। उन्होंने युवाओं की जबरदस्त उर्जा को निर्देशित करने की जरूरत का जिक्र किया।
 
प्रधानमंत्री ने युवाओं से छह सामाजिक चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित करने को कहा..जिनमें निरक्षरता, असंवेदनशीलता, विकृत सोच की समाप्ति, जातिगत भावना से उपर उठने में नाकामी, महिलाओं से बदसलूकी और पर्यावरण के प्रति बेरूखी शामिल हैं।
 
उन्होंने कहा, काला धन ने देश को बर्बाद कर दिया। हाल ही में हमने काला धन से लड़ने के लिए एक बड़ा फैसला किया। युवाओं ने इसमें अपनी शक्ति लगाई। उन्होंने नोटबंदी का जिक्र करते हुए यह कहा। नोटबंदी के तहत 500 और 1000 रुपए के नोट बैंकों में जमा कराए गए हैं।
 
मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए 21वें राष्ट्रीय युवा उत्सव को संबोधित करते हुए इस बात का जिक्र किया कि 35 साल से नीचे के 80 करोड़ से अधिक लोग सामाजिक बदलाव में अपार योगदान दे सकते हैं।
 
उन्होंने युवाओं से विशेष रूप से जातिगत भेदभाव, काला धन और छूआछूत के खिलाफ लड़ने को कहा। इसके लिए उन्होंने तीन सी पर ध्यान केंद्रित करने को कहा। वे कलेक्टीविटी (सामूहिकता), कनेक्टीविटी (संपर्क) और क्रिएटीविटी (रचनात्मकता) हैं।
 
सामूहिकता की जिक्र करते हुए उन्होंने भेदभाव खत्म कर एकजुटता कायम करने की जरूरत पर जोर दिया और कहा कि यह एक बड़ी शक्ति है। संपर्क के बारे में उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी ने दूरियां घटा दी हैं और प्रौद्योगिकी वक्त की दरकार है। 
 
रचनात्मकता के बारे में उन्होंने नए विचारों, नया रवैया की जरूरत का जिक्र किया। उन्होंने युवाओं से कहा, यदि नई सोच खत्म हो गई तो जीवन ठहर जाएगा। नई  सोच को वरीयता दीजिए..दूसरे क्या कहते हैं उस पर ध्यान मत दीजिए। (भाषा) 

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