Vande Bharat Train: नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने 'वंदे भारत' रेलगाड़ी (Vande Bharat Train) को देश की गति और प्रगति का प्रतीक बताते हुए गुरुवार को कहा कि यह गाड़ी जब किसी स्टेशन से गुजरती है तब वहां इस गाड़ी में आधुनिक एवं प्रगतिशील भारत दिखाई देता है।भारतीय रेलवे सबको जोड़ती है, एक सूत्र में पिरोती है। वंदे भारत ट्रेन भी अपनी इसी परिपाटी पर चलते हुए आगे बढ़ेगी।
मोदी ने पुरी-हावड़ा के बीच वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाने की अवसर पर आयोजित समारोह को वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते हुए कहा कि इस गाड़ी के चलने से पुरी-कोलकाता के बीच की दूरी घटकर महज 6 घंटे रह जाएगी। इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और कारोबार भी बढ़ेगा।
ओडिशा के लिए रेल की विकास कार्यों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि रेलवे ने पुरी और कटक रेलवे स्टेशनों के आधुनिकीकरण का शिलान्यास, रेल लाइनों के दोहरीकरण और राज्य में रेलवे लाइनों के शत-प्रतिशत विद्युतीकरण करने के लक्ष्य को हासिल किया है। भारतीय रेलवे सबको जोड़ती है, एक सूत्र में पिरोती है। वंदे भारत ट्रेन भी अपनी इसी परिपाटी पर चलते हुए आगे बढ़ेगी।
उन्होंने कहा कि पुरी और हावड़ा के बीच आज से शुरू हुई वंदे भारत रेलगाड़ी बंगाल-ओडिशा और हावड़ा-पुरी के बीच के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूत करेगी। उनका कहना था कि देश के अलग-अलग हिस्सों में ऐसी ही करीब 15 वंदे भारत ट्रेनें चल रही हैं। उन्होंने कहा कि वंदे भारत आधुनिक रेल गाड़ियां हैं, जो देश की अर्थव्यवस्था को भी रफ्तार दे रही हैं।
वंदे भारत ट्रेनों को भारत की भावना का प्रतिबिम्ब बताते हुए उन्होंने कहा कि अमृतकाल में वंदे भारत ट्रेनें देश के विकास का इंजन भी बन रही हैं और 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' की भावना को मजबूत बना रही है।
उन्होंने कहा कि वंदे भारत ट्रेन के माध्यम से आधुनिक तकनीकी से होने वाले लाभ में ग्रामीण क्षेत्रों की हिस्सेदार बनाया जा रहा है। अत्याधुनिक तकनीकी से सुसज्जित वंदे भारत ट्रेन महानगरों से छोटे कस्बों और नगरों को जोड़ रही है और आधुनिक तकनीकी का लाभ देश में सभी लोगों तक समान रूप से पहुंचाया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि एक समय था, जब देश में कोई नई तकनीकी आती थी तो उसका लाभ सिर्फ नगरों और महानगरों के लोगों को ही मिलता था लेकिन आज वंदे भारत ट्रेन के रूप में यह तकनीकी ग्रामीण क्षेत्र तक पहुंच चुकी है। वंदे भारत ट्रेनें अब उत्तर से लेकर दक्षिण तक, पूरब से लेकर पश्चिम तक, देश के हर किनारे को स्पर्श करती हैं।
मोदी ने कहा कि उनकी सरकार लगातार ओडिशा के विकास को विशेष महत्व दे रही है। पिछले 8-9 वर्षों में ओडिशा में रेल परियोजनाओं के बजट में जबरदस्त वृद्धि की गई है। उनका कहना था कि 2014 के पहले 10 वर्षों में ओडिशा में हर वर्ष औसतन 20 किमी के आसपास ही रेल लाइनें बिछाई जाती थीं जबकि 2022-23 में यानी सिर्फ 1 साल में ही यहां 120 किमी के आसपास नई रेल लाइनें बिछाई गई हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 के पहले 10 वर्षों में ओडिशा में 20 किमी से भी कम लाइनों का दोहरीकरण होता था लेकिन पिछले साल यह आंकड़ा 300 किमी के आसपास पहुंच गया है। ओडिशावासी जानते हैं कि 300 किमी लंबी खोरधा-बोलांगीर परियोजना कितने वर्षों से लटकी हुई थी।
मोदी ने कहा कि 15वें वित्त आयोग में ओडिशा और बंगाल जैसे राज्यों के लिए पहले के मुकाबले ज्यादा बजट की सिफारिश की गई है। ओडिशा जैसे राज्य के पास विशाल प्राकृतिक संपदा का भंडार है लेकिन पहले की सरकारों की गलत नीतियों के कारण राज्यों को अपने ही संसाधनों से वंचित रहना पड़ता था।
उन्होंने कहा कि 'प्रधानमंत्री सौभाग्य योजना' के तहत भारत सरकार ने 2.50 करोड़ से ज्यादा घरों को मुफ्त बिजली कनेक्शन दिया है जिसमें ओडिशा के 25 लाख और बंगाल के 7.25 लाख घर भी शामिल हैं। उनका कहना था कि अगर यह योजना शुरू नहीं हुई होती तो 21वीं सदी में आज भी ढाई करोड़ घरों के बच्चे अंधेरे में पढ़ने और जीने के लिए मजबूर रहते।
मोदी ने कहा कि आज हम एयरपोर्ट्स की संख्या 75 से बढ़कर करीब 150 हो जाने की बात करते हैं। ये भारत की एक बड़ी उपलब्धि है लेकिन इसके पीछे जो सोच है, वो इसे और बड़ा बना देती है। आज वह व्यक्ति भी हवाई जहाज में यात्रा कर सकता है जिसके लिए ये कभी जीवन का सबसे बड़ा सपना था।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार गरीबों के हितों के लिए लगातार काम कर रही है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत देश में 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन की जा रही है। आयुष्मान कार्ड के जरिए गरीब का 5 लाख रुपए तक मुफ्त इलाज किया जा रहा है। करोड़ों गरीबों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्के मकान मिले हैं। घर में उज्ज्वला गैस सिलेंडर हो या जल जीवन मिशन के तहत पानी की सप्लाई हो, आज गरीब को भी वो सब मौलिक सुविधाएं मिल रही हैं जिनके लिए उसे पहले बरसों का इंतजार करना पड़ता था।(एजेंसियां)