मोदी ने यहां 'राष्ट्रीय प्रेस दिवस' पर कहा कि मीडिया के क्षेत्र में तेज बदलाव और स्पर्धा के बीच खबरों को उसके वास्तविक अभिप्राय के साथ पेश करना बहुत मुश्किल हो गया है। ऐसी स्थिति में मीडिया को स्वनियमन करने के लिए आत्मावलोकन करना चाहिए। उन्होंने इस संदर्भ में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के कथन का जिक्र किया कि अनियंत्रित लेखनी बहुत बड़ा संकट पैदा कर सकती है लेकिन मीडिया पर बाहरी नियंत्रण तो तबाही ला सकती है।