Narendra Modi: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने शुक्रवार को कहा कि जी20 शिखर सम्मेलन (20 summit) की सफलता ने देश को इस तरह के वैश्विक कार्यक्रमों के आयोजन का आत्मविश्वास दिया है। भारत की अध्यक्षता में जी20 शिखर सम्मेलन यहां 9 से 10 सितंबर तक आयोजित किया गया था।
शिखर सम्मेलन के आयोजन में शामिल लोगों को कार्यक्रम स्थल 'भारत मंडपम्' में संबोधित करते हुए मोदी ने सफलता का श्रेय जमीनी स्तर के कर्मचारियों को भी दिया। जी20 शिखर सम्मेलन और राष्ट्रमंडल खेलों के आयोजन की तुलना करते हुए उन्होंने कहा कि 2010 में राष्ट्रीय राजधानी में खेल प्रतियोगिता ऐसी चीजों में फंस गई जिससे देश की बदनामी हुई और संचालन प्रणाली में निराशा की भावना आई।
उन्होंने कहा कि अखबारों के संपादकीय में इसकी प्रशंसा हुई या नहीं, इससे वे चिंतित नहीं हैं। उन्होंने कहा कि मेरे लिए असली खुशी इस तथ्य में निहित है कि मेरा देश अब आश्वस्त है कि वह इस तरह के किसी भी कार्यक्रम की मेजबानी सर्वोत्तम संभव तरीके से कर सकता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी पीछे की सीटों पर बैठे हैं जबकि जमीनी स्तर के कर्मचारी सबसे आगे हैं। मोदी ने कहा कि मुझे यह व्यवस्था पसंद है, क्योंकि यह मुझे आश्वस्त करती है कि मेरी नींव मजबूत है।
कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने कर्मचारियों व अधिकारियों से अपने-अपने विभागों में अपने अनुभव साझा करने को कहा। उन्होंने कहा कि कार्यालय के नियमित काम में किसी को अपने सहकर्मियों की क्षमताओं का पता नहीं चलता है। उन्होंने कहा कि एक बार जब हम दूसरों के प्रयासों को जानते हैं तो यह हमें बेहतर करने के लिए प्रेरित करता है। आज का कार्यक्रम 'मजदूर एकता जिंदाबाद' के बारे में है। हम सभी मजदूर हैं। मैं थोड़ा बड़ा मजदूर हूं, आप छोटे मजदूर हैं। हम सब मजदूर हैं।
विस्तृत योजना और क्रियान्वयन प्रक्रिया का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने सभी कर्मचारियों और अधिकारियों से अपने अनुभवों और सीखों का दस्तावेजीकरण करने को कहा। उन्होंने कहा कि इस प्रकार तैयार किया गया दस्तावेज भविष्य के कार्यक्रमों के लिए दिशानिर्देश तैयार करने में उपयोगी हो सकता है।
मोदी ने कहा कि इस तरह के बड़े आयोजनों की सफलता का रहस्य कार्यक्रम के महत्व की भावना और हर किसी में उसका केंद्रीय हिस्सा होने की भावना है। उन्होंने नेपाल और तुर्की में भूकंप, फिजी में चक्रवात और श्रीलंका तथा मालदीव में संकट जैसी आपदाओं के दौरान बचाव और राहत प्रयासों में भारत के योगदान का भी हवाला दिया।
मोदी ने कहा कि यह सब दिखाता है कि भारत मजबूती से खड़ा है और जरूरत के समय हर जगह पहुंच रहा है। इस संवाद में लगभग 3,000 लोगों की भागीदारी रही जिन्होंने जी20 शिखर सम्मेलन की सफलता में योगदान दिया। इसमें विशेष रूप से उन लोगों को शामिल किया गया था जिन्होंने जमीनी स्तर पर काम किया है, जैसे सफाईकर्मी, ड्राइवर, वेटर और विभिन्न मंत्रालयों के अन्य कर्मचारी। इस संवाद में विभिन्न विभागों के मंत्रियों और अधिकारियों ने भी भाग लिया।(भाषा)