कैंसर मानवता के समक्ष बड़ी चुनौती : मोदी

गुरुवार, 25 मई 2017 (17:36 IST)
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कैंसर को मानवता के समक्ष एक बड़ी चुनौती बताते हुए कहा कि कैंसर अस्पतालों को एक प्लेटफॉर्म पर लाने की जरूरत है ताकि इसके मरीजों को सस्ता इलाज उपलब्ध हो सके।  मोदी ने टाटा मेमोरियल सेंटर के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर यहां अपने आवास पर 'प्लेटिनम जुबली माइलस्टोन' पुस्तक का विमोचन करने के बाद वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सेंटर के चिकित्सकों और छात्रों को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े सभी लोगों से अपील की कि चिकित्सा सेवा को व्यापार न बनने दें क्योंकि करोड़ों लोग चिकित्सक को भगवान के रूप में देखते हैं।
 
उन्होंने कहा कि कैंसर के अस्पतालों को एक प्लेटफार्म लाया जाए ताकि कैंसर के मरीजों का आधुनिक तकनीक से सस्ता इलाज उपलब्ध कराने में मदद मिल सके। प्रधानमंत्री ने कैंसर के इलाज और शोध के क्षेत्र में टाटा परिवार के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि टाटा मेमोरियल सेंटर कैंसर के इलाज, अध्ययन और शोध का प्रमुख केंद्र है और देश में ऐसे बहुत कम संस्थान हैं, जो इतने वर्षों से लगातार राष्ट्र सेवा में लगे हुए हैं। लाखों गरीबों के इलाज के लिए इस संस्थान ने जिस तरह आगे बढ़कर काम किया है, वह देश के बाकी अस्पतालों के लिए भी प्रेरणा है। उन्होंने कहा कि यह संस्थान उदाहरण है कि सरकार और निजी संगठन मिलकर कैसे गरीबों की सेवा के लिए एक साथ काम कर सकते हैं।
 
मोदी ने कहा कि स्वास्थ्य सेवा से जुड़े लोगों को ध्यान रखना होगा कि स्वास्थ्य सेवा, सेवा ही रहे कमोडिटी न बने। किसी बीमार का इलाज व्यापार नहीं है, यह कभी नहीं भूलना चाहिए। यह भी नहीं भूलना चाहिए कि किसी और व्यवसाय के व्यक्ति को भगवान का दर्जा नहीं मिला है। देश के करोड़ों लोगों की आस्था आप में है और आप ही उनके लिए भगवान हैं। 
 
उन्होंने कहा कि भारत में हर साल 10 लाख से ज्यादा लोगों में कैंसर की बीमारी का पता चलता है और हर साल साढ़े छ: लाख लोगों की मौत कैंसर से होती है। उन्होंने कहा कि कैंसर पर शोध करने वाली एक अंतररराष्ट्रीय एजेंसी ने अंदेशा जताया है कि अगले 20 वर्ष में यह संख्या दोगुनी हो जाएगी।
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 में जब हमारी सरकार बनी तो देश में कैंसर के 36 संस्थान कैंसर ग्रिड से जुड़े हुए थे और अब तक 108 कैंसर सेंटर इससे जोड़े जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले ही डिजिटल कैंसर नर्व सेंटर की शुरुआत‍ की गई है। इसी तरह वर्चुअल ट्यूमर बोर्ड की मदद से कैंसर के अलग-अलग विशेषज्ञों को एक ही समय पर इंटरनेट से जोड़कर मरीज के इलाज की रूपरेखा तय करने में मदद दी जा रही है। 
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि कैंसर के क्षेत्र में टाटा मेमोरियल सेंटर के अनुभव और उसकी विशेषज्ञता का फायदा उठाते हुए उसकी मदद से देश में चार और बड़े कैंसर संस्थानों की स्थापना की जा रही है। ये सेंटर वाराणसी, चंडीगढ़, विशाखापट्टनम और गुवाहाटी में बनेंगे, जिससे इलाज के लिए लंबी दूरी तय करके अस्पताल तक पहुंचने वाले मरीजों को मदद मिलेगी। इसके अलावा हरियाणा के झज्झर में नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट का भी निर्माण किया जा रहा है। 
 
मोदी ने कहा कि गरीब से गरीब व्यक्ति को सस्ते से सस्ता इलाज मिले और सभी सुविधाओं एक साथ मिलें, इसी लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए 15 वर्ष के बाद अब राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति बनाई गई है, जिसमें चिकित्सा की विभिन्न पद्धतियों को समेकित किये जाने का काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार का इरादा आगामी वर्षों में सकल घरेलू उत्पाद का 2.5 प्रतिशत तक स्वास्थ्य पर खर्च करने का है। 
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में 70 प्रतिशत चिकित्सा उपकरण विदेश से आते हैं। सरकार नई स्वास्थ्य नीति में चिकित्सा उपकरणों के स्वदेश में निर्माण को भी प्रोत्साहन दे रही है और इसमें टाटा मेमोरियल सेंटर जैसे संस्थानों की की भी बड़ी भूमिका है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य देखरेख प्रणाली को मजबूत करने के लिए नए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) खोले जा रहे हैं और मेडिकल कॉलेजों का भी आधुनिकीकरण किया जा रहा है। इसके साथ स्नातक और परास्नातक स्तर पर सीटें बढ़ाई जा रही हैं।
 
उन्होंने कहा कि गरीबों को सस्ती दवा के लिए भारतीय जनऔषधि परियोजना शुरू की गई है और पांच सौ से ज्यादा दवाइयों को कम करके उन्हें आवश्यक दवाइयों की लिस्ट में रखा गया है। स्टंट की कीमत में भी 85 प्रतिशत तक की कमी की गयी है। (वार्ता)

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